भोपाल गैस सानिहा के 31 साल , मुतअद्दिद मुतास्सिरीन का एहतेजाज

भोपाल: भोपाल गैस सानिहा के मुतअद्दिद मुतास्सिरीन ने मलिक और दुनिया के मुख़्तलिफ़ हिस्सों से अपने हामियों के साथ आज इस हलाकत ख़ेज़ वाक़िया के 31 साल की तकमील पर यहां बंद पड़ी यूनीयन कारबाईड फ़ैक्ट्री तक मार्च किया, जो वही मुक़ाम है जहां से 1984 में ज़हरीली गैस मीथाइल मिथाइल आइसोसाइनेट ख़ारिज हुई थी जिसके असर से हज़ारों अफ़राद मौत की नींद सो गए और लाखों दीगर किसी ना किसी तरह जिस्मानी तौर पर मफ़लूज हुए हैं। एहतेजाजियों ने अपने मार्च का आग़ाज़ भारत टॉकीज़ अंडर बरीज एरिया से किया और मुक़ामी अफ़राद भी उन के साथी बन गए, जिनमें ज़्यादा-तर मुस्लिम लोग हैं, जो इस मतरूका फ़ैक्ट्री के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ डाले गए फ़ाज़िल कीमीयाई माद्दे की वजह से ज़ेर-ए-ज़मीन पानी ज़हरीला होजाने से मुतास्सिर हुए हैं।

एहतेजाजियों ने यूनीयन कारबाईड और इस कंपनी के मौजूदा मालिक ग्रुप डिवो कैमीकल्स की अलामतों पर कीचड़ डाला, और मुतास्सिरीन के लिए इन्साफ़-ओ-राहत की फ़राहमी पर-ज़ोर दिया नीज़ ख़ातियों को कैफ़र-ए-किर्दार तक पहुंचाने का मुतालिबा किया। दुनिया की इस बदतरीन सनाती तबाही में किसी तरह ज़िंदा बच जाने वालों के लिए सरगर्म मुख़्तलिफ़ ग़ैरसरकारी तन्ज़ीमों (एन जी औज़) के सरबराहों ने रियासती और मर्कज़ी हुकूमतों को अमरीकी कंपनी के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ करने का मौरिद-ए-इल्ज़ाम ठहराया। इन्होंने कहा कि दोनों हुकूमतें मुतास्सिरीन और आलूदगी का शिकार होने वालों की तिब्बी निगहदाशत के साथ साथ मआशी और माहौलियाती बाज़ आबादकारी के तईं जान-बूझ कर मुसलसल ग़फ़लत बरत रही हैं।

एन जी औज़ के मुताबिक़ सुप्रीमकोर्ट की कमेटी बराए तिब्बी निगरानी की कई रिपोर्टस ने इस सानिहा के मुतास्सिरीन की निगहदाशत सेहत की ज़बूँहाली को फ़ाश किया है। इन्होंने कहा कि इस कमेटी की रिपोर्टस ने मुतास्सिरीन के लिए मुख़तस अस्पतालों में माहिरीन और काबुल डाँक्टरों की कमी, मियारी ईलाज के तरीक़ों और मियारी अदवियात के फ़ुक़दान, डाइग्नॉस्टिक के आलात और सेहत पर गहिरी निगाह के लिए दरकार सिस्टम से महरूमी को उजागर किया है।

सदर भोपाल गैस पीड़ित महीला स्टेशनरी कर्मचारी संघ रशीदा बी ने कहा कि ये यक़ीनन बाइस-ए-शर्म है कि मर्कज़ी और रियासती हुकूमतें मॉनीट्रिंग कमेटी की सिफ़ारिशात को बदस्तूर नजरअंदाज़ कर रही हैं।