66 वीं तीन रोज़ा आलमी तब्लीग़ी इजतिमा का आज से यहां शुरु होरहा है। नमाज़-ए-फ़ज्र के बाद इजतिमा शुरू किया जाएगा जबकि 16 दिसम्बर को इजतिमाई दुआ के बाद इजतिमा इख़तताम पज़ीर होगा।
ये कहा जा रहा है कि मक्कउल-मुकर्रमा में हज बैतुल्लाह के लिए मुसल्मानों के इजतिमा के बाद मज़कूरा इजतिमा इस्लामी तारीख़ का सब से बड़ा इजतिमा होगा जबकि बंगलादेश के बिश्व इजतिमा को भी इस्लामी तारीख़ का बेहतरीन इजतिमा क़रार दिया जाता है। भोपाल से 12 किलो मीटर के फ़ासिला पर घासी पूरा में इजतिमा किया जा रहा है।
50 एकड अराज़ी पर खे़मे लगाए गए हैं ताकि शामिल होने वालों को वहां क़ियाम करवाया जाये। हिंदुस्तान के अहम ममालिक के इलावा मशरिक़ वुस्ता और योरोपी ममालिक से भी उलमाए दीन की आने की उम्मीद है। इन में से बाअज़ जमातें वक्त से पहले ही यहां पहुंच गई हैं और नमाज़ जुमा के बाद ही इजतिमा के मुक़ाम पर जमा होना शुरू कर दिया था।
यहां आने वालों के लिए ज़राए आमद-ओ-रफ़त में बसें, ट्रक्स, जीपें, कारें, मोटर साईकलें और स्कूटर्स क़ाबिल-ए-ज़िकर हैं जबकि इजतिमा में शिरकत करने वाले सेंकड़ों अफ़राद ट्रैफ़िक जाम से बचने के लिए पैदल चल कर वहां पहूंचे। पार्किंग, पानी, बैतुल-ख़ला और तिब्बी सहूलियात का ख़ुसूसी एहतिमाम किया गया है जबकि CCTV कैमरों की तंसीब के इलावा पुलिस कंट्रोल रुम भी क़ायम किया गया है।
यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि भोपाल में सब से पहले आलमी तब्लीग़ी इजतिमा 1948 में मस्जिद शकूर ख़ान में किया गया था और इस के बाद आज तक इस का सिलसिला जारी है और हर साल पाबंदी के साथ किया जाता है।