भ्रष्टाचार मामले में महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की पूर्व कार्यकारी चीफ नसीम बानो पटेल निलंबित

नांदेड़: महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की पूर्व कार्यकारी चीफ अफसर नसीम पटेल को भ्रष्टाचार के एक मामले में लिप्त पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है. भ्रष्टाचार का यह मामला नासिक जिले के दोधारी नामक एक मस्जिद की इनामी भूमि से संबंधित है. इस मामले को दो सामाजिक कार्यकर्ताओं खलील और मुहम्मद वाजिद ने उठाया था. लंबे संघर्ष के बाद उन्हें इस मामले में एक बड़ी सफलता मिली है.

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प्रदेश 18 के अनुसार, वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने का यह दूसरा बड़ा मामला सामने आया है. इस बार वक्फ बोर्ड की पिछली कारगुजार चीफ अधिकारी नसीम पटेल को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है. इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने नसीम पटेल को निलंबित कर दिया है.
गौरतलब है कि नासिक में मस्जिद दोधारी की स्वामित्व में शामिल 55 एकड़ वक्फ भूमि पर कई भू-माफियाओं ने अवैध कब्जा कर रखा था और मल्टी कम्प्लेक्स का निर्माण भी कर दी दिया गया था. यह समस्या लगभग आठ साल तक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहा. आखिर कार सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में वक्फ बोर्ड को आदेश दिया कि वह तय करें कि यह जमीन वक्फ भूमि है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वक्फ बोर्ड की कार्यकारी चीफ अधिकारी नसीम बानो पटेल ने कहा कि वह जमीन वक्फ भूमि नहीं है. उनका यह बयान भूमि माफियाओं को फायदा पहुंचाने की एक कोशिश थी, जिस की वजह से उनका यह बयान ही उनके निलंबन का कारण बन गया.

खलील मनाठकर और मुहम्मद वाजिद की इस लड़ाई में पाथरी विधायक बाबाजानी दुर्रानी, केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य सैयद हामिद और ज़ेनुद्दीन जुवेरी के मार्गदर्शन से उन्हें न्याय प्राप्त करने में सफलता मिली. नसीम पटेल के निलंबन के लिए दोनों ने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया.
गौरतलब है कि खलील मनाठकर और मुहम्मद वाजिद वही लोग हैं, जो पहले भी वक्फ बोर्ड के मुख्य अधिकारी एन डी पठान को रिश्वत लेते हुए रंगों हाथों गिरफ्तार करवाया था और उन्हें भी पद से निलंबित कर दिया गया था. नसीम बानो पटेल के मामले में यह दूसरा मामला है, जो वक्फ बोर्ड के मुख्य अधिकारी को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है.