प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में पिछले दिनों हुए फेरबदल के बाद HRD मिनिस्टर से टेक्सटाइल मिनिस्टर बनी स्मृति ईरानी लगातार चर्चा में बनी हुई हैं।
माना जा रहा है कि मंत्रियों के कामकाज की जानकारी के बाद बदलाव किया गया है लेकिन यह सिर्फ आधा सच है। स्मृति ईरानी को उनके पद से इसलिए हटाया गया है क्योंकि उन्होंने कैबिनेट के अपने ज्यादातर साथियों से दूरी बना ली थी और पीएमओ में एचआरडी मंत्रालय का काम देखने वाले अफसरों से भी सीधे मुंह बात नहीं करती थीं।
सूत्रों का कहना है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी स्मृति के अक्खड़पन से नाराज थे। अरुण जेटली के बारे में कई लोगों का मानना है कि अरुण जेटली से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय वापस लेना उनके घटते रुतबे का संकेत है। लेकिन सच यह है कि जेटली के पास अब भी काफी काम है। सदानंद गौड़ा को कानून मंत्रालय से हटाए जाने की वजह उनकी कर्नाटक के प्रति रूचि थी। उनसे कई बार कहा जा चुका था कि वे दिल्ली में रहें लेकिन गौड़ा अपना ज्यादा वक़्त गृह राज्य कर्नाटक में गुजारते थे।