मंदिरों से ज्यादा जरूरी हैं बैतुल खला: जयराम

‘निर्मल भारत यात्रा’ पर निकले कांग्रेस लीडर और देही तरक्की ( Rural Development Minster) के वज़ीर जयराम रमेश ने कहा है कि मुल्क में बैतुल खला (Toilet) से ज्यादा मंदिर हैं। जबकि हमें मंदिर से ज्यादा जरूरत टॉयलेट की है।

इस बयान पर शख्त रद्दे अमल आयी। अब वुजरा सफाई दे रहे हैं कि बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। कांग्रेस भी इस बयान पर बैकफुट पर है। कांग्रेस तर्जुमान मनीष तिवारी ने कहा है कि पार्टी पूरी तरह ‘ सभी मजहब बराबर है’ व सेक्यूलर (धर्म निरपेक्षता) में यकीन रखती है और सभी इबादतगाहों का एहतराम करती है।

वहीं बी जे पी ने कहा कि रमेश को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे लोगों के जज़बात को ठेस पहुँचे। बी जे पी तर्जुमान राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बैतुल खला की तामीर और किसी भी मज़ार ( धर्म स्थल/ Shrine) में यकीन रखना दो अलग-अलग बातें हैं। हिंदुस्तान सभी मज़हबों का मुल्क है जहां के लोग मंदिरों, मसजिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों में अपनी अक़ीदत के मुताबिक सर झुकाते हैं। दोनों बातों को मिलाया नहीं जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि रमेश का बयान सयासी है और इससे यूपीए हुकूमत की छवि को ही ठेस पहुंची है। बी जे पी लीडर के मुताबिक किसी को इस बहस में नहीं पड़ना चाहिए कि मुल्क में मंदिर ज्यादा जरूरी हैं या फिर बैतुल खला।