मंदिर धुलवाने के मामले पर सियासत तेज

साबिक़ नायब वजीरे आला सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए वजीरे आला जीतन राम मांझी भस्मासुर बन चुके हैं। मंगल को अपने रिहाइशगाह पर अवामी दरबार के बाद सहाफ़ियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वजीरे आला की तरफ से मंदिर में पूजा के बाद मूर्ति धोने की वाकिया अगर सही है, तो हम इसकी मज़मत करते हैं। लेकिन, उनके काबीना के साथी ही इसे गलत बता रहे हैं। ऐसे में इसकी तहक़ीक़ात होनी चाहिए। अगर वज़ीर झूठ बोल रहे हैं, तो उन्हें बरखास्त करना चाहिए।

अगर वजीरे आला झूठ बोल रहे हैं, तो उन पर भी मजहबी तफ़र्क़ा फैलाने के इल्ज़ाम में आइपीसी की दफा 152 एक के तहत मामला दायर होना चाहिए। इस दफा के तहत गैरजमानती वारंट और तीन साल की सजा की तजवीज है। वजीरे आला को वाकिया के दिन ही एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करना चाहिए था। उन्होंने इतनी देरी क्यों की?

मांझी भूल जाते हैं, वे दलित लीडर ही नहीं, सीएम भी हैं : पासवान

इधर मरकज़ी वज़ीर रामविलास पासवान ने कहा कि वजीरे आला जीतन राम मांझी यह भूल जाते हैं कि वह सिर्फ एक दलित लीडर नहीं हैं, बल्कि बिहार के वजीरे आला हैं। ऐसे में मंदिर तनाजे को तूल देने का कोई मतलब नजर नहीं आता। वजीरे आला का बयान न सिर्फ रियासत के लिए, बल्कि दलित समाज के लिए भी शर्मनाक है।