मआशरे में बदलाव के लिए ज़्यादा जद्दो ज़हद की जरूरत होती है: मलाला

पाकिस्तानी इंसानी हुकूक की कारकुन और नोबेल अमन अवार्ड के लिए चुनी गईं मलाला युसूफजई ने आज अपने मुल्क के स्टूडेंट्स से खिताब करते हुए कहा कि वे अपनी तालीम के हक के लिये लड़ें|

पेशावर के निस्तार हॉल में मियां राशिद शाहिद फाउंडेशन की ओर से मलाला को नोबेल अमन वार्ड मिलने की खुशी में मुनाकिद तकरीब को 17 साल की मलाला ने वीडियो लिंक के ज़रिये से खिताब कर रही थीं |

मलाला ने कहा, ‘‘मैं सभी लड़कियों को उनके हक का एज़ाज़ मिलते देखना चाहती हूं और हमें इसके लिए अपनी आवाज उठानी होगी| हमें ख्वातीन के हुकूक के लिए आवाज उठानी होगी, खास तौर से बच्चों की तालीम के लिए और बच्चों को भी खड़े होकर अपने मुस्तकबिल के लिए जद्दो ज़हद करना चाहिए|’’ मलाला ने कहा, ‘‘हमारे मआशरे में बदलाव लाने के लिए सख्त जद्दो ज़हद की जरूरत होती है| ’’