मईशत (अर्थव्यवस्था) को बेहतर और सरमाया कारी में इज़ाफ़ा के लिए इक़दामात

नए वज़ीर फैनान्स मिस्टर पी चिदम़्बरम ने मईशत (अर्थव्यवस्था) को बेहतर और सरमाया कारी में इज़ाफ़ा को यक़ीनी बनाने कुछ पालिसीयों को बेहतर बनाते हुए नई हिक्मत-ए-अमली इख़तियार करने का ऐलान किया है ।

उन्हों ने इशारा दिया है कि शरह सूद में कमी की जा सकती है और बैरूनी सरमाया-ओ-अंदरून-ए-मुल्क बचतों को भी बेहतर बनाने इक़दामात किए जाएंगे । माज़ी करीब के तरीका अमल से इन्हिराफ़ करते हुए उन्हों ने टैक्स क़वानीन पर नज़र-ए-सानी(समीक्षा) की भी हिदायत दी और कहा कि ये काम मुहासिबा के अंदाज़ में होना चाहीए

ताकि टैक्स महिकमा और टैक्स दहिंदगान के माबेन(दरमियान) इमकानी तनाज़आत को और पहले से मौजूद तनाज़आत को बेहतर अंदाज़ में हल किया जा सके । एक तफ़सीली बयान जारी करते हुए मिस्टर पी चिदम़्बरम ने इनकम टैक्स एक्ट जनरल एंटी अवाएडनस रोल ( गार ) के दफ़आत और दीगर उमूर(दुसरे काम) का भी इस में अहाता किया है ।

मिस्टर चिदम़्बरम ने गुज़शता हफ़्ता ही वज़ारत फैनान्स की ज़िम्मेदारी सँभाली है जबकि उन के पेशरू मिस्टर परनब मुकर्जी सदर जमहूरीया बन गए हैं। । ये वाज़ेह करते हुए कि इन का अव्वलीन फ़रीज़ा तमाम गोशों के एतिमाद को बहाल करना है उन्हों ने कहा कि यक़ीनी तौर पर जहां कहीं ज़रूरी हो पालिसीयों में तबदीली की जाएगी और उन को बेहतर बनाया जाएगा ताकि सभी गोशों की तवक़्क़ुआत को पूरा किया जा सके ।

उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान में सरमाया कारी भरोसा का अमल है इस लिए सरमाया कारों के ज़हनों में पाए जाने वाले अनदेशों को दूर करना बहुत ज़रूरी है । हुकूमत की पालिसीयों से सरमाया कारों को वाक़िफ़ करवाने के लिए भी इक़दामात किए जाएंगे ।

उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान में कारोबार की राह में हाइल होने वाली रुकावटों को दूर किया जाएगा और ग़ैर मामूली रैगूलेटरी बोझ और ज़्यादा सरकारी रुकावटों के तरीका कार के अनदेशों को भी ख़त्म किया जाएगा।

टैक्स निज़ाम और सरमाया कारों के मसाइल से मुताल्लिक़ वज़ीर फैनान्सके बयान को सरमाया कारों का एतिमाद बहाल करने की कोशिश समझा जा रहा है ।