मकान बेचकर बेटी की शादी मत करना, निकाह करके मकान उसके नाम कर देना सही है- उलेमा- ए- कराम

सुन्नी मरकज से उलमा ने मुसलमान से शादियों में फिजूलखर्ची रोकने और मकान बेच कर बेटी की शादी ना करने की हिदायत दी है। उलेमा किराम ने कहा कि निकाह के बाद मकान बेटी के नाम करना जायज है। उलेमा उर्स-ए-तहसीनी के मंच से ऐलान किया गया है। गुरुवार को कुल की रस्म से पहले उलेमा ने देश भर से आए अकीदतमंदों से शरीयत पर अमल करने अपील की है।

मुस्लिम शादियों में हो रही लगातार फिजूल खर्च को लेकर उलेमा बेचैन हैं। उलेमा ने इस बार उर्स के मंच से अकीदतमंदों से शादियों में फिजूल खर्च न करने का ऐलान किया है। उलेमा-ए-कराम ने मुसलामानों के यहां शादी में फिजूल खर्च को गलत ठहराया है।

उन्होंने कहा कि शादी में फिजूल खर्च और बैंडबाजे से बचना होगा। शादी में मर्द और औरतों का अलग-अलग खाने का इंतजाम करें। बेपर्दिगी से बचने की नसीहत भी दी है।

उर्से तहसीनी के मंच से आतंकवाद के विरोध में उलेमा ने तकरीर की है। मंच से आतंकवाद के विरोधी समेत कई मसलों पर मुस्लिम कौमी एजेंडा पेश किया है।

मौलाना नाजिर रजा खां तहसीनी ने कहा कि मकान बेचकर बेटी की शादी मत करना, निकाह करके मकान उसके नाम कर देना सही है। खानकाहे रजविया नूरिया तहसीनिया के प्रवक्ता सगीरउद्दीन नूरी ने कहा कि उर्स के कुल वाले दिन तमाम खानकाहों से सज्जादानशीन और देश विदेश से उलेमा-ए-किराम ने शिरकत की है।