मक्का की जेल में कैद हैं चार बिहारी

सउदी अरब के मक्का की जेल में जुलाई 2013 से बंद गोरेयाकोठी थाना इलाक़े के ग्राम बिन्दवल तकिया के रहने वाले नौशाद आलम के वालिद मुश्ताक आलम अपने बेटे की आज़ादी के लिए सीवान से वज़ारत खारजा की खाक छान रहे हैं।

नौशाद और उसके बड़े भाई हारुण मक्का वाकेय नेस्मा एंड पार्टनर कंपनी के प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे, जिसमें हारुण की बिजली की करेंट से मौत हो गई थी। इस पर मुखालिफत मुजाहिरा हुआ।

सउदी पुलिस ने नौशाद समेत उसका मदद दे रहे 40 दीगर मजदूरों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। जेल में डाले गए मजदूरों में सीवान जीरादेई के सुभाष शेख, सिसवन से शेख, कुडवां के सरताज भी हैं।