मक्का चोटी कान्फ़्रैंस आलम-ए-इस्लाम के इत्तिहाद का मज़हर होगी

लैलतुल क़दर के मौक़ा पर मुक़द्दस सरज़मीन मक्का मुअज़्ज़मा में ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन शाह अबदुल्लाह बिन अबदुल अज़ीज़ की मेज़बानी में मुनाक़िद होने वाली आलमी मक्का चोटी कान्फ़्रैंस आलम इस्लाम के इत्तिहाद का मज़हर होगी । ये इस्लामी चोटी कान्फ़्रैंस मुस्लिम दुनिया को मुत्तहिद करने का एक अज़ीम मौक़ा होगी ।

इस्लाम के मर्कज़ी मुक़ाम आलम अरब में ये एहसास शिद्दत से पैदा होरहा है कि अब तमाम मुस्लमानों में इत्तिफ़ाक़-ओ-इत्तिहाद को फ़रोग़(बढावा) दिया जाय । तंज़ीम इस्लामी कान्फ़्रैंस के लिए ये अज़ीम मौक़ा है के वो गुरुही इख़तिलाफ़ात दूर करे चैलेंजस से निमटे और हासिल होने वाले मवाक़े आलम इस्लाम के लिए समर आवर बनाए ।

आज मुस्लिम दुनिया को दर पेश मसाइल पर अपनी फ़िक्रमंदी का एहसास रखने वाले ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन शाह अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ ने 14 और 15 अगस्त को मक्का मुअज़्ज़मा में आलमी इस्लामी चोटी कान्फ़्रैंस तलब की है । 14 अगस्त के दिन लैलतुल क़दर वक़ूअ होरही है । इस मुक़द्दस शब(रात) को हज़ारों रातों से अफ़ज़ीलयत हासिल है ।

शाह अबदुल अज़ीज़ अपनी ख़िदमात के ज़रीया सऊदी अरब की माज़ी के तजुर्बात की रोशनी में और शाह फ़ैसल की ज़ेर क़ियादत 1960 और 1970 दहे में आलम इस्लाम में होने वाली तबदीलीयों के तनाज़ुर में इस चोटी कान्फ़्रैंस को मुस्लिम दुनिया के लिए एक अहम मौक़ा बनाने की कोशिश करेंगे ।

आलम इस्लाम को आज जिन बातों की सख़्त ज़रूरत है उन पर ग़ौर करते हुए तमाम मुस्लमानों में इत्तिफ़ाक़-ओ-इत्तिहाद की बुनियाद को मज़बूत करना है । ईरान के लिए भी ये कान्फ़्रैंस एक शानदार मौक़ा होगी और वो इस कान्फ़्रैंस के ज़रीया अपने ख़सारा (नुकसान) को नफ़ा में तबदील कर सकता है ।

इस ख़सूस में शाह अबदुल्लाह बिन अबदुल अज़ीज़ ने सदर ईरान महमूद अहमदी नज़ाद को कान्फ़्रैंस के लिए मदऊ किया(इनवाइट किया) है । तवक़्क़ो है कि इरानी अवाम इस ख़ित्ता में होने वाली तबदीलीयों ख़ास कर शाम की सूरत-ए-हाल के पेशे नज़र इस कान्फ़्रैंस में शिरकत करते हुए इत्तिहाद के लिए हासिल होने वाले मौक़ा से इस्तिफ़ादा करेगा ।

सऊदी अरब की सरकारी न्यूज़ एजैंसी एस पी ए ने आज रिपोर्ट दी है कि शाह अबदुल्लाह बिन अबदुल अज़ीज़ , महमूद अहमद नज़ाद को ग़ैर मामूली तौर पर मुस्लिम क़ाइदीन की चोटी कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए मदऊ किया है ।

शाह अबदुल्लाह ने सदर अहमदी नज़ाद के लिए एक मकतूब रवाना करते हुए उन्हें ग़ैरमामूली इस्लामी यगानगत के साथ कान्फ़्रैंस की दावत दी है । बहरैन और शाम में बदलती सूरत-ए-हाल ईरान की जानिब से शीया तबक़ा की हिमायत किए जाने के तनाज़ुर में सदर ईरान को सऊदी अरब की ये दावत अहमीयत की हामिल है ।

शाह अबदुल्लाह ने गुज़शता माह ही तमाम मुस्लिम दुनिया को एक सफ़ में लाने की कोशिश करते हुए चोटी कान्फ़्रैंस तलब की थी ।