नई दिल्ली, 03 अप्रेल: एक शख़्स ने वज़ीरे ख़ारजा सलमान ख़ुरशीद के नाम से तहरीर करदा एक जाली ख़त सऊदी अरब के कौंसल जनरल को पेश किया ताकि उस की बुनियाद पर मक्कतुल मुकर्रमा और मदीना मुनव्वरा का मुक़द्दस सफ़र करने के लिए उसे वीज़ा जारी किया जा सके। 7 नवम्बर 2012 की तारीख़ वाले जाली ख़त का वाक़िया उस वक़्त मंज़रे आम पर आया जब इसी मकतूब को वज़ारत उमूर ख़ारजा को रवाना किया गया जो सऊदी सफ़ीर की जानिब से रवाना किया गया था।
इस के फ़ौरी बाद इकनॉमिक आफ़िस विंग ने सेक्शन 420 के तहत एक मामला दर्ज करलिया। जाली मकतूब की तहरीर के मुताबिक़ सलमान ख़ुरशीद की जानिब से सऊदी सफ़ीर को दरख़ास्त की गई थी कि वो अबदुलसत्तार नामी शख़्स और इस के अरकान ख़ानदान को मदीना और मक्का के सफ़र के लिए वीज़े की इजराई करें। वज़ारत उमूर ख़ारिजा के जोइंट सेक्रेटरी माले सिंह ने बताया कि ख़त भी जाली था और इस पर किए हुए सलमान ख़ुरशीद के दस्तख़त भी जाली थे।
7 नवम्बर 2012 को सलमान ख़ुरशीद बैरूनी दौरा पर थे दूसरी बात ये कि दस्तख़त ग़लत तरीक़े से किए गए थे यानी सलमान ख़ुरशीद जिस तरह दस्तख़त करते हैं मकतूब में की गई दस्तख़त इस से बिलकुल जुदा थी तीसरी बात ये है कि इस नौइयत के मुक्तो बात कभी भी वज़ीरे ख़ारजा की जानिब से किसी भी कौंसल जनरल को तहरीर नहीं किए जाते।