मक्का मस्जिद अजमेर शरीफ-ओ-दीगर धमाकों में मज़ीद गिरफ्तारियां होंगी

समझौता एक्सप्रेस ट्रेन बम धमाका में एक और आर एस एस कारकुन की गिरफ़्तारी के चंद ही दिनों के बाद हुकूमत ने आज ऐलान किया कि मुख़्तलिफ़ मज़हबी मुक़ामात बशमोल दरगाह अजमेर शरीफ में हुए बम धमाकों में मज़ीद अफ़राद की गिरफ्तारियां अमल में लाई जाएंगी ।

एक बयान जारी करते हुए वज़ारत-ए-दाख़िला ने कहा कि दहशतगर्दी के छः मुक़द्दमात बशमोल 2006 के मा‍ले गावं बम धमाके 2007 के समझौता एक्सप्रेस धमाके और हैदराबाद की मक्का मस्जिद के बम धमाका और दरगाह अजमेर शरीफ के बम धमाका और 2008 के माले गावं और मोदासा बम धमाकों के वाक़ियात की अज़ सर-ए-नौ तहकीकात की जा रही हैं और मोदासा ( गुजरात ) में हुआ बम धमाका का केस अब करीब अलख़तम है ।

इसकी तहकीकात तक़रीबा मुकम्मल हो चुकी हैं। ये तमाम दहशत गरदाना कार्यवाहीयां कहा जाता है कि हिन्दू दहशतगर्द ग्रुप्स की जानिब से की गई हैं और मुख़्तलिफ़ तहक़ीक़ाती एजंसियों की जानिब से उन की तहकीकात जारी हैं। अब ये तहकीकात मुख़्तलिफ़ मराहिल में हैं।

वज़ारत-ए-दाख़िला ने कहा कि क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी ( एन आई ए ) ने इन छः बम धमाकों के सिलसिला में नबा कुमार सरकार उर्फ़ स्वामी असीमानंद लोकेश शर्मा देवेंद्र गुप्ता और कुछ दूसरों को गिरफ़्तार किया है । आज जारी कर्दा बयान में कहा गया है कि एन आई ए ने कमल चौहान नामी एक और शख़्स को गिरफ़्तार कर लिया है और इस सिलसिला में मज़ीद कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं जिनकी मदद से उन मुक़द्दमात को हल कर लिया जाएगा।

चौहान आर एस एस का कारकुन है और उसे इतवार को एन आई ए की जानिब से गिरफ़्तार कर लिया गया है । इस ने एतराफ़ कर लिया है कि इस ने समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम नसब किए थे । इस धमाका में 48 अफ़राद हलाक हुए थे जिन में अक्सरियत पाकिस्तानियों की थी । बी जे पी ने गुज़शता दिन इल्ज़ाम आइद किया था कि आठ साल क़बल यू पी ए के मर्कज़ में बरसर‍ ए‍ इक़्तेदार आने के बाद से अब तक दहश्तगर्दी का एक भी मुक़द्दमा हल नहीं हो सका है । इसके जवाब में आज वज़ारत-ए-दाख़िला ने ये बयान जारी किया है और कहा कि मज़ीद गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

वज़ारत-ए-दाख़िला ने कहा कि मोदासा बम धमाका केस के इलावा तहक़ीक़ाती एजंसियां मज़ीद तीन मुक़द्दमात को हल करने के करीब पहूंच गई हैं।

इनमें बैंगलौर में 2010 मैं चीना स्वामी स्टेडीयम में हुए बम धमाका और जामा मस्जिद के करीब बम धमाका‍ ओ‍ फ़ायरिंग के इलावा मुंबई के 2011 में हुए बम धमाकों के मुक़द्दमात शामिल हैं। वज़ारत-ए-दाख़िला के बयान में इद्दिआ किया गया है कि मई 2000 के बाद से दहश्तगर्दी के जुमला 46 बड़े वाक़ियात पेश आए हैं और उन के मिनजुमला सात के सिवा सब को हल कर लिया गया है । 9 मुक़द्दमात में सज़ाएं भी हो चुकी हैं और माबक़ी 30 वाक़ियात में चार्च शीट्स 29 में पेश की जा चुकी है ।

19 मुक़द्दमात में समाअत शुरू होचुकी है । दो मुक़द्दमात में मुलज़मीन को बरात ( हुक्मनामा) मिल गई है और उन में अपीलें दायर की गई हैं। बयान में कहा गया है कि जो सात मुक़द्दमात अभी हल नहीं हुए हैं इन में से चार को बहुत जल्द हल कर लिया जाएगा। जो तीन मुक़द्दमात अभी हल नहीं होसके हैं इन में 2006 मैं दिल्ली की जामि मस्जिद में हुए दो बम धमाके 008 में मेहरौली में हुआ धमाका और 2010 मैं वार नासी में हुआ बम धाका शामिल है ।

कहा गया है कि हाल ही में एक इंडियन मुजाहिदीन रुकन की गिरफ़्तारी से इन्किशाफ़ हुआ है कि यही तंज़ीम बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडीयम में हुए धमाकों जामि मस्जिद दिल्ली के करीब धमाका और फायरिंग के इलावा पौने की जर्मन बेकरी के मुक़द्दमा और मुंबई में हुए सिलसिला वार बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार है ।

वज़ारत-ए-दाख़िला के बयान में कहा गया है कि जहां तक जर्मन बेकरी के मुक़द्दमा का सवाल है एक चार्च शीट पेश की जा चुकी है और एक मुल्ज़िम को मुक़द्दमा का सामना है जबकि छः मुलज़मीन को मफ़रूर क़रार दिया जा चुका है । ब्यान में कहा गया है कि हुकूमत और तहक़ीक़ाती एजंसियों की जानिब से दहश्तगर्दी के हर मुक़द्दमा को हल करने की कोशिश की जा रही है और इस काम में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी जा रही है ।

ये एजंसियां और हुकूमत ख़ातियों को कैफ़र किरदार ( सज़ा) तक पहूँचाना चाहती हैं। बी जे पी ने हाल ही में तशवीश ज़ाहिर की थी कि मुल्क़ के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में दहश्तगर्दाना हमले हुए हैं और इस ने इल्ज़ाम आइद किया था कि हुकूमत इन मुक़द्दमात को इत्मीनान बख्श अंदाज़ में हल करने में नाकाम होगई थी । बी जे पी के इस इल्ज़ाम के बाद वज़ारत-ए-दाख़िला ने आज ये बयान जारी किया है ।