हैदराबाद 05 मई: हुकूमत ने रमज़ान उल-मुबारक के तोहफ़े के तौर पर मक्का मस्जिद और शाही मस्जिद के मुलाज़िमीन की तनख़्वाहों में इज़ाफे का एलान किया है।
इस इज़ाफ़ी तनख़्वाह पर अमल आवरी जारीया साल जनवरी से होगी। इस के अलावा हुकूमत ने मक्का मस्जिद के मुख़्तलिफ़ तरक़्क़ीयाती कामों के लिए दस करोड़ रुपये का मन्सूबा तैयार किया है। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने आला ओहदेदारों के साथ मक्का मस्जिद का दौरा किया और शबे मेराज के इंतेज़ामात का जायज़ा लिया। उन्होंने मक्का मस्जिद में माह क़बल रमज़ान इंतेज़ामात के बारे में मालूमात हासिल की और ओहदेदारों को हिदायत दी कि पिछ्ले साल से बेहतर इंतेज़ामात किए जाएं। उन्होंने मस्जिद के कारपेट और जानिमाज़ों की तबदीली की हिदायत दी।
इस पर रमज़ान उल-मुबारक के बाद अमल आवरी का इमकान है। उन्होंने हउज़ की सफ़ाई और बैत उल-ख़लाओं की तामीर-ओ-मुरम्मत पर ख़ुसूसी तवज्जा देने की हिदायत दी। मस्जिद के मुकम्मिल मुआइने और मसाइल का जायज़ा लेने के बाद मीडिया के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए मुहम्मद महमूद अली ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव ने मस्जिद के तरक़्क़ीयाती मंसूबे पर अमल आवरी में ख़ुसूसी दिलचस्पी का इज़हार किया है।
चीफ़ मिनिस्टर की हिदायत पर 10 करोड़ रुपये पर मबनी प्लान तैयार किया गया है जिसकी मंज़ूरी के साथ ही अमल आवरी का आग़ाज़ होगा। सेक्रेटरी अकलियती बहबूद सय्यद उम्र जलील ने इस मौके पर हुकूमत की तरफ से मुलाज़िमीन की तनख़्वाहों में इज़ाफे का जीओ हवाले क्या।
इस जीओ के मुताबिक़ अइम्मा की मौजूदा तनख़्वाह को 11,500 से बढ़ाकर 17,500 किया गया है। इस के अलावा 6,700 हासिल करने वाले मुलाज़िमीन को 12,000 रुपये अदा किए जाऐंगे। 8,400 तनख़्वाह वाले मुलाज़िमीन को अब 15,000 रुपये तनख़्वाह अदा की जाएगी। उन्होंने बताया कि अइम्मा की तनख़्वाहों में मज़ीद इज़ाफे की तजवीज़ है। उन्होंने बताया कि गुंबदान क़ुतुब शाही की तज़ईन नौ का काम अंजाम देने वाले आर्किटेक्ट शरद चंद्रा से मक्का मस्जिद तरक़्क़ीयाती प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार की गई है और उन्होंने मस्जिद के छत की दरूस्तगी, साऊँड सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, इलेक्ट्रिकल वर्क, वाटर डरेंज और दुसरे ज़रूरी कामों के लिए 10 करोड़ रुपये पर मुश्तमिल मन्सूबा पेश किया है, उसे चीफ़ मिनिस्टर को रवाना किया जाएगा ।
इस प्रोजेक्ट की तकमील से आइन्दा 10 ता 15 बरसों तक किसी काम की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने बारिश के सबब मस्जिद की छत में पानी उतरने और मिट्टी गिरने के वाक़ियात का हवाला देते हुए कहा कि मस्जिद की छत पर ज़ाइद मिक़दार में डॉबर इस्तेमाल किया गया जिसकी निकासी करते हुए असरी अंदाज़ में छत का तहफ़्फ़ुज़ किया जाएगा। उन्होंने रमज़ान उल-मुबारक के दौरान बिला वक़फ़ा बर्क़ी की सरबराही और मुसलयान मस्जिद के लिए सेहन में पार्किंग की सहूलत फ़राहम करने की हिदायत दी। दौरे के मौके पर मुलाज़िमीन ने अपने मसाइल पेश किए और मुलाज़िमीन की तादाद में इज़ाफे का मसला भी ज़ेरे बहस रहा। मस्जिद की सफ़ाई के लिए बड़ी मिक़दार में क्लीनिंग मटेरियल हवाले किया गया है।
मस्जिद में ज़रूरी कामों की तकमील के लिए हमेशा 25,000 रुपये एकाऊंट में जमा रखने का फ़ैसला किया गया क्युं कि हुकूमत से रक़म की इजराई तक वक़्त लग सकता है। सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद ने होम गार्ड्स की तनख़्वाहों की बरवक़्त अदायगी के लिए ओहदेदारों को हिदायत दी के वो तनख़्वाहों की रक़म कमांडेंट होमगार्ड को हवाले करने के बजाये रास्त तौर पर होम गार्ड्स के एकाऊंट में जमा कर दें। उम्र जलील के मुताबिक़ कैमरों की तंसीब का काम जल्द मुकम्मिल करने के लिए वो हुकूमत से दरख़ास्त करेंगे। साबिक़ में आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया ने 1.75 करोड़ का मन्सूबा पेश किया था। इस मौके पर चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड मुहम्मद असद उल्लाह, बर्क़ी बलदी आबरसानी और वक़्फ़ बोर्ड के ओहदेदारों के अलावा टीआरएस क़ाइदीन मौजूद थे।