मक्का मस्जिद का तक़द्दुस ख़तरे में, महकमा अक़लीयती बहबूद बेफ़िक्र!

शहर की तारीख़ी मक्का मस्जिद की निगहदाश्तऔर बद इंतेज़ामी के बारे में यूं तो वक़्फ़ा वक़्फ़ा से अख़बारात तवज्जा दिलाते रहे हैं लेकिन अब तो मस्जिद का तक़द्दुस भी ख़तरा में पड़ता दिखाई दे रहा है।

मज़ीद ये कि हुक्काम और महकमा अक़लीयती बहबूद के ओहदेदारों को मस्जिद के तक़द्दुस के तहफ़्फ़ुज़ की कोई फ़िक्र नहीं जिस के नतीजे में वहां कुछ इस तरह की सरगर्मियां जारी हैं, जिस से मस्जिद का तक़द्दुस पामाल हो रहा है।

मस्जिद के ज़िम्मेदारों की मिली भगत के ज़रीए मुलाज़मीन और होम गार्ड्स इस सूरते हाल के लिए ज़िम्मेदार हैं। शाम के औक़ात में मस्जिद में सैयाहों के भेस में लड़के, लड़कियां पहुंच कर मस्जिद को किसी गार्डन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

इतना ही नहीं मुलाज़मीन और होम गार्ड्स की मिली भगत के सबब मस्जिद के अंदरूनी हिस्सा में मुख़्तलिफ़ अशिया की फ़रोख़्त की इजाज़त दी जा रही है। इन तमाम सरगर्मियों के लिए बाक़ायदा कलेक्शन भी किया जा रहा है।

मुक़ामी अफ़राद ने इस तरह की सरगर्मियों के सिलसिले में मस्जिद में मौजूद सी सी कैमरों के बाअज़ फूटेज रेकॉर्ड कर लिए हैं जिन्हें अक़लीयती बहबूद के आला ओहदेदारों को पेश किया जाएगा।

इन फूटेज में मस्जिद के मुलाज़मीन को कारोबार करने वालों से रक़ूमात हासिल करते हुए दिखाया गया है। एक और फूटेज में होमगार्ड एक नौजवान की पिटाई करते हुए उस से रक़म हासिल कर रहे हैं।

मुक़ामी अफ़राद ने शिकायत की कि मस्जिद के ज़िम्मेदारों की मिली भगत के ज़रीए होम गार्ड और वाच मैन इस तरह की सरगर्मियां चला रहे हैं जिस से मस्जिद का तक़द्दुस पामाल हो रहा है।

खासतौर पर फ़ज्र के वक़्त मस्जिद में कोई पुर्साने हाल नहीं होता और मोज़न भी मुस्तक़िल ग़ायब रहते हैं और नमाज़ के वक़्त की भी पाबंदी नहीं की जाती। इस सिलसिले में मुक़ामी अफ़राद ने सेक्रेट्री अक़लीयती बहबूद और डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद से नुमाइंदगी का फैसला किया है।