मक्का मस्जिद की छत को नुक़्सान से बचाने में हुकूमत की मुसलसल सर्दमोहरी

तारीख़ी मक्का मस्जिद के तहफ़्फ़ुज़ और खासतौर पर छत को नुक़्सान से बचाने के लिए महकमा अक़लीयती बहबूद की बारहा तवज्जा के बावजूद हुकूमत की सर्दमोहरी के नतीजा में गुज़िश्ता चंद दिनों की बारिश ने मस्जिद की छत को मज़ीद नुक़्सान पहुंचाया है।

गुज़िश्ता एक हफ़्ता से जारी मूसलाधार बारिश के नतीजा में मक्का मस्जिद की छत के कई हिस्सों में शिगाफ़ पड़ गए जिसके बाइस पानी अंदरूनी हिस्सा उतरने लगा है। गुज़िश्ता चंद दिनों से मक्का मस्जिद के हुक्काम भी छत की अबतर हालत को देखते हुए परेशान हैं।

उन्हें अंदेशा है कि अगर छत में पानी के दाख़िले को फ़ौरी रोका नहीं गया तो अंदरूनी हिस्सा में छत के हिस्से टूट कर गिरने लगेंगे। बारिश के आग़ाज़ के बाद मस्जिद के ज़िम्मेदारों ने महकमा अक़लीयती बहबूद को इस सूरते हाल से वाक़िफ़ कराया लेकिन हुकूमत ने बजट की इजराई पर कोई तवज्जा नहीं दी है।

वाज़ेह रहे कि 8 माह क़ब्ल डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद जलाल उद्दीन अकबर ने महकमा आरक्योलोजी के माहिरीन के साथ मस्जिद का मुआइना किया था।

अगर हुकूमत एक करोड़ रुपये तनख़्वाहों के लिए जारी करती है तो इस में से 18 लाख रुपये अक़लीयती फाइनेंस कारपोरेशन का क़र्ज़ वापिस करना है जोकि तनख़्वाहों की अदायगी के लिए हासिल किया गया था।