मक्का मस्जिद में धमाके से तीन माह पहले खु़फ़ीया जायज़ा लेने का एतराफ़

हैदराबाद 02 मई: मक्का मस्जिद बम धमाके की तहक़ीक़ात कररही नेशनल इन्वेस्टीगेशन टीम (एन आई ए) ने अपनी हालिया तहक़ीक़ात में ये पता लगाया हीके तारीख़ी मस्जिद में बम रकने वाले ख़ातियों ने धमाके से 3 माह पहले मुक़ाम वारदात का मुआइना किया।

एन आई ए ने इस साल मार्च में राजिंदर चौधरी को गिरफ़्तार किया था और उसे अपनी तहवील में लेकर तफ़तीश की थी।

राजिंदर चौधरी उर्फ़ समुंद्र पहलवान ने अपने इक़बालिया बयान में एन आई ए ओहदेदारों को ये बताया कि वो अपने साथी तेजाराम परमार के सात फरवरी साल 2007 में हैदराबाद बज़रीये ट्रेन पहुंच कर तारीख़ी मक्का मस्जिद , चारमीनार और तिजारती इलाके का मुआइना किया था।

राजिंदर ने अपने बयान में ये भी बताया कि तेजाराम को इस ने मक्का मस्जिद में मुसलियों की तादाद का अंदाज़ा लगाने के लिए कहा था और वो बाद में मध्य प्रदेश लौट गया।

राजिंदर चौधरी मुसलमानों से इंतिक़ाम लेने के लिए बम करने का मंसूबा बनाया था। 16 मई 2007 में राजिंदर ने तेजाराम को मानावित्त नगर मध्य प्रदेश में बुलाया जहां पर उस की मुलाक़ात आर एस एस प्रचारक राम चन्द्र कालसनगारा उर्फ़ राम जी से हुई।

राम जी ने राजिंदर चौधरी को 2 बैग हवाले किए जिस में ताक़तवर बम (आई ई डी) मौजूद थे। तेजाराम और राजिंदर बज़रीये ट्रेन 18 मई 2007 जुमा के दिन सुबह हैदराबाद पहुंचे और नामपली स्टेशन से ऑटो में सवार होकर मक्का मस्जिद पहुंचे।

राजिंदर के कहने पर तेजाराम ने मस्जिद में मौजूद मुसलियों का अंदाज़ा लगाया और बादअज़ां पहला बम मस्जिद की जाली पर टांग दिया जबके राजिंदर ने दूसरे बम को संगएमरमर के तख़्त वुज़ू ख़ाना के नीचे लाग‌ दिया।

मक्का मस्जिद में जुमा के मौके पर पेश आए ताक़तवर बम धमाके के बाइस 9 मुसल्ली जांबाहक़ होगए थे जबके 60 से ज़ाइद ज़ख़मी हुए थे।

दोनों ख़ाती मस्जिद में बम करने के फ़ौरी बाद वहां से रवाना होगए और बीदर औरंगाबाद के ज़रीये मध्य प्रदेश वापिस लैट गए।

टैलीविज़न में न्यूज़ के ज़रीये राजिंदर चौधरी को बम धमाके का पता लगा और उसे ये भी मालूम हुआ कि तेजाराम की तरफ से मस्जिद की जाली पर लागया गया बम नहीं फट सका।

बावसूक़ ज़राए ने बताया कि राजिंदर चौधरी ने बंदूक़ चलाने की तर्बीयत हासिल की और वो अजमेर शरीफ़, समझौता एक्सप्रैस धमाका, मालीगावें धमाका, आर एस एस प्रचारक सुनील जोशी का क़तल के अलावा कई संगीन वारदातों में मुलव्वस है।

इन आई ए ने राजिंदर चौधरी और तेजाराम परमार को मस्जिद के अहाते में बम रकने वाले ख़ातियों की हैसियत से शनाख़्त की है और इस केस के कलीदी मुल्ज़िमीन राम चन्द्र कालसनगारा और संदीप दानगे की तलाश अबहि जारी है।