धनबाद : मक्का हादसे में धनबाद और बोकारो के तीन आजमीने हज की मौत हो गई है। हज पर गए धनबाद के वासेपुर के लापता अहले खाना भी भगदड़ के शिकार हो गए हैं। इतवार की सुबह दोनों की मौत की तसदीक़ हो गई। मक्का के मीना के पासं 24 सितंबर को हुई भगदड़ के बाद से ही रिटायर बीसीसीएल मुलाज़िम मनसुरुल हक और उनकी बीवी नसीमा खातून लापता थे।
उनके छोटे बेटे अनवारुल हक को सउदी अरब के अस्पताल में दोनों का लाश मिला। दो दिन पहले ही मनसुरुल के मंझले बेटे नेयाजुल हक की मौत की खबर आई थी। नेयाजुल सउदी अरब में ही एक कंपनी में पाइप लाइन इंजीनियर था। आजमीने हज की खिदमत के लिए नेयाजुल को इंडियन फ्रेटर्निटी (भाईचारा) फोरम (आइएफएफ) की तरफ से लगाया गया था।
वहीं ललपनिया से गए जायरीन मो यासीन अंसारी कवर नंबर-जेआरएफ 794-5-0 की भी मौत की इत्तिला है। वहीं साथ गई उनकी बीवी सजीबन निशा सही सलामत हैं। यह जानकारी मो यासीन के बेटे मो महमूद को मिली। महमुद ने रियासती हज कमेटी के मेम्बर मो इमरान से इसकी तसदीक़ की।
उन्होंने बताया कि सनीचर की रात उनकी मां से बात हुई थी। मो यासीन अंसारी असल तौर से ललपनिया पंचायत के ग्राम अइयर के रहने वाले हैं। लेकिन गुजिशता कुछ सालों से वे अहले खाना समेत कोदवाटांड़ में रह रहे थे। वे और उनकी बीवी 11 अगस्त को रांची से हज को रवाना हुए थे। जिन्होंने रामगढ से रजिस्ट्रेशन कराया था। सऊदी अरब हुकूमत के दस्तूरल अमल के तहत जायरीन मो यासीन के मैयत को वहीं पर मिट्टी दी जाएगी।