मुस्लिम दुनिया में रमज़ान के महीने में की जाने वाली इबादात मुकम्मल मज़हबी अक़ीदे, जोशो ख़रोश और दिली जज़्बे के साथ जारी हैं। इबादात की अदायगी के हवाले से सऊदी शहर मक्का और मदीना सरे फ़ेहरिस्त हैं।
हज ऐंड उमरा पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन मक्का के डायरेक्टर, डाक्टर सालेह सक़र के मुताबिक़, मक्का में वाक़े दुनिया की सब से बड़ी इबादतगाह मस्जिदुल हराम में पहले अशरे के दौरान 80 लाख अफ़राद ने इबादत की जबकि अगर दूसरे अशरे में भी इतने ही लोगों ने इबादत की तो दूसरे अशरे के इख़तेताम तक इबादत गुज़ारों की मजमूई तादाद एक करोड़ 60 लाख से भी ज़्यादा हो जाएगी।
तीसरे अशरे में ताक़ रातों और शबे क़दर होने के सबब सिर्फ़ सत्ताइसवीं शब में 25 लाख से ज़्यादा अफ़राद इबादत करते हैं। इस तरह पूरे महीने के दौरान इबादत गुज़ारों की मजमूई तादाद कहाँ तक जा पहुंचती है, इस का अंदाज़ा लगाना कुछ मुश्किल नहीं।
सालेह सक़र का कहना है कि रमज़ानुल मुबारक के पहले 10 दिनों के दौरान, इबादत गुज़ारों की तादाद गुज़िश्ता साल के मुक़ाबले में 49 फ़ीसद ज़्यादा है।