मच्छर की नयी किस्म ज़ीका वायरस से बचायेगी ..

ज़ीका वायरस Aedes aegypti मच्छर की वज़ह से फैलता है .पश्चिमी मुल्कों में ,ब्राज़ील और अमेरिका में ज़ीका वायरस खतरा बन चुका है ,ज़ीका वायरस से लड़ने के लिए मच्छरों की नयी किस्म जिसको जेनेटिकली इंजीनियरिंग (नस्ली रूप ) से तैय्यार किया जा रहा है जो जीका वायरस का सफाया करेगा .

मच्छरों से पैदा हुआ ज़ीका वायरस ,एक ऐसी बीमारी है जिससे कुछ दिन पहले तक दुनिया अनज़ान थी ,ये बीमारी इतनी तेज़ी से फ़ैल रही है की एक साल में अमेरिका में 40 लाख लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके है अगर समय रहते इस को काबू नही पाया गया तो ज़ीका वायरस का खतरा में भी पहुच सकता है .

मई 2015 ,ब्राजील में सबसे पहले इस वायरस का पता चला ,इसके बाद 22 देशो तक ये वायरस बहुत ही कम समय में पहुच गया .प्रेग्नेंट ख्वातीनो में ज़ीका वायरस का खतरा बहुत ज्यादा है .सेहत से जुड़ी एजेंसीज का कहना है कि वायरस नवज़ात बच्चो में दिमागी असंतुलन जिसको कि माइक्रोसिफेली के नाम से जाना जाता है का ख़तरा पैदा करता है

ज़ीका वायरस मच्छरों की Aedes नस्ल द्वारा संक्रमण करता है जोकि पानी से भरे कंटेनर में पैदा होता है जैसा कि डेंगू में होता है .भारत में भी मेडिकल कौंसिल ने गर्भवती ख्वातीनो को ऐसे मुल्कों में जहाँ ज़ीका वायरस का खतरा है में जाने में सावधानी बरतने की हिदायत दी है