चेन्नई: द्रमुक(DMK) ने मंगलवार को जयललिता सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने मछुआरों की गिरफ्तारी के मुद्दे का उचित समाधान खोजने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव नहीं दिया था |
द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने कहा कि “भारत की तुलना में, श्रीलंका एक छोटा सा देश है। भारत बड़ा देश है उसे श्रीलंका की नौसेना के अत्याचारों को खत्म कर देना चाहिए । जहाँ चाह वहां राह |
उन्होंने मुख्यमंत्री जे जयललिता पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, क्या इस तरह का दृष्टिकोण मछुआरों की समस्या के लिए पर्याप्त है ?
उन्होंने एक बयान में कहा कि क्या मुख्यमंत्री या वरिष्ठ मंत्रियों या संबंधित मंत्री (केन्द्र) के साथ दिल्ली में इस मामले को नहीं उठाया जाना चाहिए ?
करुणानिधि ने कहा कि अन्नाद्रमुक के लोकसभा में 37 सांसद है और वह अपने इन सांसदों की मदद से (संसद में ) मछुआरों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार पर “आवश्यक दबाव” बना सकता था | अन्नाद्रमुक सरकार पत्रों के माध्यम से मछुआरों की कितनी सुरक्षा कर सकती है |
28 मछुआरों की गिरफ्तारी की ताजा घटना का हवाला देते हुए द्रमुक प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत इस मुद्दे में हस्तक्षेप करते हुए उनकी रिहाई की ईमानदार कोशिश करनी चाहिए |
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