मछुआरो की कश्तीयों पर बोसीदा ( फटे पुराने) और मैले क़ौमी पर्चम

मछली पकड़ने वाली बादबानी कश्तीयों पर मैले कुचैले और ख़सताहाल तिरंगे झंडे लहराने का हुक्काम ने सख़्त नोट लिया है और ओडीशा के ज़िला केंदापारा (Kendrapara) घाट से मछली पकड़ने वाली कश्तीयों के अमला ( कर्मचारीयॊं) से पूछगिछ की जा सकती है ।

केंदापारा के पुलिस अधीक्षक नरसिंघा भोल ने कहा मछली पकड़ने वाले बादबानी कश्तीयों पर क़ौम पर्चम ( राष्ट्रीय झंडा) को लहराते हुए उसकी तौहीन की जा रही है । हमें रिपोर्ट मिली है कि कश्तीयों पर कटे फटे ,बोसीदा और मैले क़ौमी पर्चम को लहराए जा रहे हैं जो गै़रक़ानूनी है ।

दूसरी तरफ़ साहिली पुलिस की सिक्योरिटी विंग के नडल ऑफीसर(nodal officer) शांतनु कुमार दास ने कहा कि ऐसी कश्तीयों के अमला और मालिकान के बारे में पूरी मालूमात हासिल करने की कोशिश की जा रही है ताकी ये मालूम किया जा सके कि आया उन की क़ौमीयत क्याहै ।

उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि ऐसी रिपोर्टस भी मिली हैं कि मुक़ामी कश्तीयों पर क़ौमी पर्चम का बेजा(अनुचित) इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है लेकिन इन रिपोर्टस को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता, बाला स्वर साहिल से बंगलादेशियों की दरअंदाज़ी भी जारी है ।

तहक़ीक़ात का आग़ाज़ (शुरुआत) हो चुका है जहां हमारी अव्वलीन ( पहली) ज़िम्मेदारी ये होगी कि हम ये मालूम करें कि समुंद्र में मछली पकड़ने केलिए इन कश्तीयों के मालकीयन ( मालिको) के पास कारआमद ( काम करने का) लाईसेंस हैं या नहीं । कश्तीयों पर फटे पुराने और बोसीदा क़ौमी पर्चम लहराने पर पुलिस में इस की शिकायत दर्ज करवाई जाएगी ।

महकमा मैरीन फिशरीज़ के अस्सिटेंट डायरेक्टर प्रदीप ने बताया कि कश्ती मालिकान को पहले एडवाइज़री नोटिस जारी की जाएंगी जहां उन्हें क़ौमी पर्चम का क़ानूनी तौर पर मुनासिब इस्तिमाल की हिदायत की जाएगी । ओडीशा ट्रालर्स आपरेटर्स एसोसीएशन के सदर सुमांता कुमार बिस्वा (Odisha Trawler Operators Association President Sumanta Kumar Biswa) ने कहा कि ये मुआमला क़ौमी पर्चम की क़सदन तौहीन का नहीं है ।