मजदूरों के हाथ काटने पर SC ने आंध्र और उड़ीसा से मांगा जवाब

उड़ीसा के कालांहांडी जिले में दो मजदूरों के हाथ काट देने की वाकिया पर सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश और उड़ीसा की हुकूमत से जवाब मांगा है | याद हो कि जयपटना के नुआपाड़ा गांव के रहने वाले मजदूर नीलाम्‍बर धांगड़ा माझी और पिआलू धांगड़ा माझी समेत दिगर दस मजदूरों को दलालों ने फसल कटाई के बाद आंध्र प्रदेश में जाकर काम करने के लिए 10 से 15 हजार रूपये दिये थे फसल की कटाई पूरी होने के पहले ही दलाल परमे राउत और केला राउत 12 मजदूरों को जीप में डालकर छत्‍तीस गढ़ ले जाने लगे जबकि मजदूरों को आंध्र में काम करने के पैसे दिये गये थे |

मजदूरों को जब मालूम हुआ कि उन्‍हें काम के लिए छत्‍तीसगढ़ ले जाया जा रहा है तो रायपुर से सीनापली जाते वक्त 12 में से दस मजदूर भाग निकले लिहाजा दलालों ने मजदूर नीलांबर और पिआलू पर गुस्‍सा निकालते हुए उनके दाहिने हाथों की हथेली काट दी |

बताया जाता है कि हाथ काटने से पहले दलालों ने मजदूरों से दो लाख रूपये मांगे जो कि मजदूरों को बतौर पेशगी दिये गये थे |
दलालों ने मजदूरों के हाथ काटते हुए कहा था कि अगर तुम लोग हमारे लिए काम नहीं कर सके तो किसी और के लिए काम नहीं सकोगे |

15 दिसंबर को हुई इस वाकिया को समने में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुदाखिलत कर इस पर चार हफ्ते के अंदर रियासती हुकूमतो से जवाब मांगा |

याद रहे कि हर साल कालाहांडी, नवापाड़ा और बेलांगीर जिलों से हजारों मजदूर आंध्र प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में ईंट भट्टियों में काम करने के लिए जाते हैं|