मजलिसी अरकाने असैंबली की हाईकोर्ट में दरख़्वास्तें ख़ारिज

हैदराबाद हाईकोर्ट ने मजलिसी अरकाने असैंबली के ख़िलाफ़ दायर कर्दा इंतिख़ाबी उज़्रदारी की दरख़ास्तों को मुस्तरद करने के लिए मजलिसी अरकाने असैंबली की जानिब से दाख़िल की गई दरख़ास्तों को ख़ारिज कर दिया।

जस्टिस एम एस रामचंद्र राव ने मजलिसी अरकाने असैंबली मुमताज़ अहमद ख़ान (याकूत पूरा), अहमद पाशाह कादरी (चारमीनार), मुअज़्ज़म ख़ान (बहादुर पूरा) और अहमद बिन अबदुल्लाह (मलिक पेट ) की दरख़ास्तों को मुस्तरद कर दिया और उन अरकाने असैंबली के ख़िलाफ़ दायर कर्दा इंतिख़ाबी उज़्रदारी के मुक़द्दमा को जारी रखने की राह हमवार करदी।

इन 4 अरकाने असैंबली ने अलाहिदा अलाहिदा दरख़्वास्तें दाख़िल करते हुए उन के ख़िलाफ़ इंतिख़ाबी धांदलियों की शिकायात के साथ दायर कर्दा इंतिख़ाबी उज़्रदारी की दरख़ास्तों को मुस्तरद करने की दरख़ास्त की थी।

हल्क़ा असैंबली याकूत पूरा में इंतिख़ाबी धांदलियों के ख़िलाफ़ जनाब मजीद अल्लाह ख़ान फ़र्हत ने अदालत से रुजू होने का एलान किया था और इंतिख़ाबी उज़्रदारी दाख़िल करते हुए इस बात की शिकायत की थी कि इंतिख़ाबी अमला, पुलिस और मुक़ामी जमात के क़ाइदीन ने साज़ बाज़ के ज़रीए उन्हें ना सिर्फ़ गिरफ़्तार करवाया बल्कि फ़ेहरिस्त राय दहिंदगान में हुई धांदलियों की मुतअद्दिद शिकायात के बावजूद इंतिख़ाबी अमला ने कार्रवाई नहीं की।