मजलिस के बलंद बाँग दावे लेकिन 12 मुस्लिम तहफ़्फुज़ात पर ख़ामोश

हैदराबाद 22 जनवरी: एसा लगता है पुराने शहर के बेशतर बलदी हलक़ों में कांग्रेस और मजलिस के दरमियान रास्त मुक़ाबला होगा। इस बात का अंदाज़ा कांग्रेस में शामिल होने वाले सैंकड़ों कारकुनों से लगाया जा सकता है। जिनका ताल्लुक़ मजलिस, बीजेपी और तेलुगू देशम से है।

कांग्रेस ने अपनी चुनाव मुहिम में जारिहाना मौकुफ़ इख़तियार करते हुए मजलिस को बीजेपी की बी टीम क़रार दिया और कहा कि पिछ्ले 40 साल से एमपी, एमएलएज़, कॉरपोटर्स, स्टैंडिंग कमेटी सदर नशीन और मेयर मजलिस के रहे हैं तो फिर क्या मजलिस पुराने शहर की पसमांदगी के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।

कांग्रेस की मुहिम चलाते हुए मुहम्मद अली शब्बीर और पुराना पुल के कांग्रेसी उम्मीदवार मुहम्मद ग़ौस ने अपने ख़िताब में कहा कि सदर मजलिस पहले हैदराबाद खास्कर् पुराने शहर के अवामी मसाइल हल करें बाद में मुल्क के दूसरे रियासतों का दौरा करें। इन क़ाइदीन ने ये भी कहा कि साबिक़ सदर मजलिस मरहूम सुलतान सलाहउद्दीन ओवैसी अवामी क़ाइद थे और सिंह परिवार से काफ़ी दूर थे मौजूदा क़ियादत अवाम से दूर और सिंह परिवार से क़रीब हो गई है। मजलिस ने अपने मुफ़ाद की ख़ातिर मुस्लिम क़ौम का सौदा किया है।

4%मुस्लिम तहफ़्फुज़ात की मुख़ालिफ़त करने वाली मजलिस जब अमल आवरी का वक़्त आया तो हमेशा की तरह उस का सहरा अपने सर लेने की कोशिश की है। टीआरएस हुकूमत से क़रीबी ताल्लुक़ात होने के बावजूद अपने आपको मुसलमानों की चैंपियन होने का दावा करने वाली मजलिस 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात के ताल्लुक़ से सवाल करना भी मुनासिब नहीं समझ रही है।

मुहम्मद अली शब्बीर ने सदर तेलंगाना यूथ कांग्रेस कमेटी अनील कुमार यादव, सदर हैदराबाद कांग्रेस अक़लियत डिपार्टमेंट शेख़ अबदुल्लाह सुहेल ग्रेटर हैदराबाद सिटी कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सय्यद निज़ामुद्दीन के साथ कांग्रेस के उम्मीदवार शाह अली बंडा मुहम्मद सुहेल जनगममेट के उम्मीदवार राजिंदर और गोलीपूरा की उम्मीदवार वाणी के अलावा पुराना पुल के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में उम्मीदवारों के साथ पैदल दौरा करते हुए अवाम से फ़र्दा फ़र्दा मुलाकात की।

दुकानात और मकानात पहूंच कर मर्द-ओ-ख़वातीन से उनके मसाइल दरयाफ़त किए और कांग्रेस के उम्मीदवारों को कामयाब बनाने की सूरत में मसाइल को हल कराने का यक़ीन दिलाया। एक मुक़ाम पर ईरानी चाय नोशी की। कांग्रेस क़ाइदीन की पदयात्रा से कांग्रेस कारकुनों में काफ़ी जोश-ओ-ख़ुरोश देखा गया। जगह जगह पर अवाम ने कांग्रेस क़ाइदीन का ख़ैर-मक़्दम करते हुए उनकी कसरत से गुलपोशी की और अपनी बस्ती के मसाइल से उन्हें वाक़िफ़ किराया।