रियासत के मुस्लमानों पर मजलिस पार्टी असरअंदाज़ नहीं होसकेगी बल्कि सिटी (शहर हैदराबाद) में भी तमाम मुस्लमानों पर मजलिस का कोई असर नहीं। लिहाज़ा कांग्रेस की ताईद से मजलिस की दसतबरदारी से ना ही कांग्रेस पार्टी को कोई नुक़्सान होगा और ना ही रियासती हुकूमत पर कोई मनफ़ी असर मुरत्तिब होगा।
चीफ मिनिस्टर कैंप ऑफ़िस पर आज शाम रियासती काबीना के मुनाक़िदा गैर रस्मी हंगामी इजलास से ख़िताब करते हुए चीफ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने इस ख़्याल का इज़हार किया। बताया जाता है कि चीफ मिनिस्टर ने काबीनी वुज़रा को पिछ्लॆ चंद दिनों से शहर हैदराबाद में पाए जाने वाले हालात से वाक़िफ़ करवाया और कहा कि भाग्य लक्ष्मी मंदिर के मसला प्रिया कोई और मसले पर मजलिस के साथिया मुस्लमानों के साथ जांबदारी नहीं बरती गई।
अलावा अज़ीं हुकूमत ने अमन-ओ-ज़बत की बरक़रारी को यक़ीनी बनाने के लिए मुकम्मल तौर पर गैर जांबदाराना रवैय्या इख़तियार किया और अदालती अहकामात की रोशनी में ही इक़दामात किए गए। ताहम हुकूमत ने पुलीस ओहदेदारों को अमन-ओ-ज़बत की बरक़रारी में किसी किस्म का समझौता ना करने और सख़्ती के साथ निमटने के लिए इक़दामात करने की उन्होंने आला ओहदेदारों को हिदायात ज़रूर दी थीं।
क्युकि अगर किसी वजह से नरमी बरती जाने की सूरत में शहर के हालात बिगड़ जाने का ख़दशा लाहक़ था, जिस की रोशनी में ही हुकूमत ने हालात से सख़्ती के साथ निमटने का फैसला किया। चीफ मिनिस्टर के करीबी ज़राए के मुताबिक़ बताया जाता है कि मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने अपने काबीनी रफ़क़ा को बताया कि उन्होंने हमेशा मजलिस पार्टी को काफ़ी अहमियत दी, लेकिन भाग्य लक्ष्मी मंदिर का मसला चूँकि कांग्रेस जैसी सैकूलर पार्टी के लिए एक सवालिया निशान था, जिस की वजह से ही इस मसले पर कोई समझौता ना करते हुए गैर जांबदारी के साथ निमटते हुए इक़दामात करने की ओहदेदारों को हिदायात दी थीं।
बताया जाता है कि बाअज़ काबीनी रफ़क़ा ने चीफ मिनिस्टर को इस बात का मश्वरा दिया कि वो अज़ ख़ुद मजलिस के क़ाइदीन से बात चीत करके ऐलान करदा अपने फैसले पर अज सर-ए-नौ ग़ौर करने की ख़ाहिश करें, जिस पर मिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने अपने सख़्त मौक़िफ़ का इज़हार करते हुए कहा कि वो किसी भी हालत में मजलिस की क़ियादत से बात चीत नहीं करेंगे। अगर कोई वुज़रा बात चीत करना चाहें तो उन्हें कोई एतराज़ नहीं होगा।
चीफ मिनिस्टर ने यहां तक कहा कि हक़ीक़ी सूरत-ए-हाल से वो कांग्रेस हाईकमान को भी तहरीरी तौर पर वाक़िफ़ करवाएंगे जब कि बज़रीया टेलीफोन ज़बानी तौर पर पार्टी हाईकमान के क़ाइदीन को रियासत बिलख़सूस शहर हैदराबाद के वाक़ियात से वाक़िफ़ करवा चुके हैं। बताया जाता है कि मिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने काबीनी रफ़क़ा को वाज़िह करते हुए कहा कि मजलिस अपने सयासी मुफ़ादात के हुसूल के लिए कांग्रेस की ताईद से दसतबरदारी इख़तियार करती है तो हम को (कांग्रेस पार्टी को) हरगिज़ कोई फ़र्र किन्हीं पड़ेगा।
बताया जाता है कि चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने यहां तक भी कहा कि मजलिस दरहक़ीक़त मौक़ा-ओ-बहाना तलाश कररही थी जब कि हक़ीक़त ये है कि इस ने वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के साथ अंदरूनी तौर पर साज़ बाज़ कर रखा है और बहुत जल्द मजलिस का हक़ीक़ी चेहरा बेनकाब होजाएगा।
बताया जाता है कि इस हंगामी काबीना के इजलास में डिप्टी चीफ मिनिस्टर मिस्टर दामोदर राज नरसिम्हा, वज़ीर पंचायत राज मिस्टर के जाना रेड्डी, वज़ीर ट्रांसपोर्ट-ओ-सदर कांग्रेस पार्टी मिस्टर बी सत्य नारावना, वज़ीर बलदी नज़म-ओ-नसक़ महेद्र रेड्डी, वज़ीर इमकना ओतम कुमार रेड्डी, वज़ीर इंडो मिनट सी रामचंद रिया, वज़ीर क़ानून-ओ-इंसाफ़ ई परताब रेड्डी, वज़॒र मुतवस्सित आबपाशी टी जी वेंकटेश, वज़ीर कॉमर्स-ओ-जहाज़रानी जी श्रि निवास राव, वज़ीर जंगलात एस वजए रामा राजू, वज़ीर मेहनत-ओ-रोज़गार डी नागेंद्र, वज़ीर मार्केटिंग मुकेश गौड़, वज़ीर एनीमल हसबंडरी विश्वा रूप, वज़ीर टेक्स्टाईलस प्रसाद कुमार, वज़ीर सयाहत वे वसंत कुमार, वज़ीर दाख़िला श्रीमती पी सबीता इंदिरा रेड्डी, वज़ीर इत्तिलाआत-ओ-ताअलुकात-ए-आमा डी के अरूना, वज़ीर भारी मसनूआत डाक्टर जय गीता रेड्डी, वज़ीर बहबूदी ख़वातीन-ओ-इतफ़ाल सुनीता लकशमा रेड्डी, वज़ीर माल इन रग्घू वीरा रेड्डी, वज़ीर प्राइमरी एजूकेशन डाक्टर शैलजा नाथ-ओ-दीगर वुज़रा शरीक थे।
इन तमाम वुज़रा ने चीफ मिनिस्टर के गैर जांबदाराना रवैय्या पर इत्मीनान का इज़हार किया और चीफ मिनिस्टर को मश्वरा दिया कि चंद सिनियर वुज़रा पर मबनी एक कमेटी तशकील दें ताकि कमेटी में शामिल तमाम वुज़रा मजलिस से बात चीत के ज़रीया मनवाने की कोशिश करें।
इस तजवीज़ से इत्तिफ़ाक़ करते हुए चीफ मिनिस्टर ने मिस्टर बी सत्य ना रावना को हिदायत दी कि इस सिलसिले में जो मुनासिब समझें, इक़दाम करें। इसी दौरान बताया जाता है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर मिस्टर दामोदर राज नरसिम्हा ने बाअज़ वुज़रा के रवैय्या-ओ-अपना इज़हार ख़्याल करते हुए कहा कि छोड़ो मजलिस को और वो ख़ुद मुफ़ाहमत ख़त्म कर लेना चाहती है, तो हम को ख़ामोशी इख़तियार कर लेना चाहीए।
उन्होंने मजलिस के इक़दामात पर अपनी शदीद ब्रहमी का इज़हार करते हुए यहां तक कहा कि मजलिस हमेशा चिल्लर (ओछी) सियासत करने की आदी है। इस चिल्लर सियासत से हमें चंदे की ज़रूरत नहीं है। क़बल अज़ीं इस इजलास में तूफ़ान निलम की तबाह कार्यों का भी जायज़ा लिया गया और मुतास्सिरा इलाक़ों में इमदाद-ओ-राहत कारी के अंजाम दीए गए इक़दामात से तमाम वुज़रा को चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने वाक़िफ़ करवाया।