आम आदमी पार्टी की हुकूमत गैर मुनज़्ज़म शोबा के मुक़ामी कारकुनों के लिए फ़लाही स्कीमों पर अमल आवरी करेगी जिनका मक़सद एक और इंतेख़ाबी वाअदे की तकमील होगा। दिल्ली की इमारत और दीगर तामीराती वेल्फ़ेर बोर्ड साबिक़ कांग्रेस हुकूमत ने 2 सितंबर 2002 को तशकील दिए थे, फ़िलहाल 1200 करोड़ रुपये की रक़म इस्तेमाल नहीं की गई।
नए वज़ीर मेहनत गिरीश सोनी नई स्कीमों के तहत ये रक़म इस्तेमाल करने का मंसूबा रखते हैं। तामीराती मज़दूर सब से ज़्यादा इस्तेहसाल का शिकार तबक़ा है। उनकी सूरत-ए-हाल क़ाबिल-ए-रहम है। इनका एक बड़ा ग्रुप नक़ल मुक़ाम करने वाले अफ़राद पर मुश्तमिल है।
उन्हें कोई सहूलतें दस्तयाब नहीं हैं। वो नाख़्वान्दा हैं और अपने हुक़ूक़ से नावाक़िफ़ हैं। वज़ीर मेहनत ने मंसूबा बनाया है कि नई स्कीम के तहत मुख़तस रक़म इस्तेमाल की जाएगी ताकि समाजी तमानियत बराए गैर मुनज़्ज़म शोबा कारकुन की उजरतों को और औक़ात-ए-कार को बाक़ायदा बनाया जा सके।
उन्होंने महिकमा मेहनत के कमिशनर के साथ मुलाक़ात भी की। कॉन्ट्रैक्ट मज़दूरों की मुलाज़िमतों को मुस्तक़िल बनाने के मक़सद से आम आदमी पार्टी को ज़बरदस्त ताईद हासिल हुई थी। सोनी ने तमाम सरकारी महिकमों को हिदायत दी कि कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की फ़हरिस्तें हुकूमत को रवाना करदें।
सोनी ने कहा कि उसे लोग भी हैं जो तवील मुद्दत से मुलाज़िमत कररहे हैं, लेकिन उनकी मुलाज़िमतें मुस्तक़िल नहीं की गईं। वो अब भी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कररहे हैं। उन्हें मालूमात हासिल होते ही वो उनकी मुलाज़िमतें मुस्तक़िल करने का ख़ाका तैयार करेंगे। सरकारी ओहदेदारों के बमूजब दिल्ली बर्क़ी सरबराही ज़ेरे इंतेज़ाम मज़दूर सिंह वर्कर्स यूनीयन के जनरल सैक्रेटरी बलबीर सिंह ने भी वज़ीर मेहनत से मुलाक़ात करके मुतालिबा किया कि तरसील बर्क़ी तवानाई कंपनियों में कॉन्ट्रैक्ट पर मज़दूरी का सिलसिला ख़त्म किया जाये।
अपने इंतेख़ाबी मंशूर में आम आदमी पार्टी ने तैक़ून दिया था कि तमाम कॉन्ट्रैक्ट मज़दूरों की मुलाज़िमतों को मुस्तक़िल करने के बिलअख़ीर इक़दामात किए जाएंगे और अक़ल्लतरीन उजरतों की अदाएगी यक़ीनी बनाई जाएगी।