जिनेवा 27 फ़रवरी ( एजेंसीज़ ) अक़वामे मुत्तहिदा के हवाले की गई एक दस्तावेज़ में कहा गया है कि किसी मज़हब पर यक़ीन ना रखने वालों, इंसानियत पसंदों और आज़ाद फ़िक्र अफ़राद को दुनिया भर में तफ़रीक़ का निशाना बनाया जाता है और चंद ममालिक में उसे जुर्म ख़्याल करते हुए सज़ाए मौत तक दे दी जाती है।
इंसानी हुक़ूक़ की आलमी कौंसिल में पेश की जाने वाली इस दस्तावेज़ में कहा गया है कि मुतअद्दिद ममालिक में दहरियत को क़ानूनी तौर पर ममनू क़रार दिया जाता है और लोगों को मजबूर किया जाता है कि वो किसी अक़ीदे पर ईमान लाएंगे।