नई दिल्ली। प्रधानमन्त्री मोदी के 500/1000 के नोट बंद करने से जहाँ पूरा देश परेशान है वहीं कई राज्यों पर इसका भारी प्रभाव पड़ा है, संयुक्त नागा परिषद (UNC) की अनिश्चितकालीन हड़ताल और नोट बैन ने देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी है। राज्य में एक लीटर पेट्रोल की कीमतें बढ़कर 300 रुपए और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें 2 हजार रुपए तक पहुंच गई है। साथ ही, अन्य जरूरी चीजों की कीमतें भी कई गुना बढ़ गई है।
एकतरफ जहां UNC की आर्थिक नाकेबंदी की वजह से यहां जरूरी सामानों की किल्लत हो गई है। वहीं नोट बैन के फैसले ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है.जिरिबाम जिला मांग समिति(जीडीडीसी) ने भी इंफाल-जिरिबाम राजमार्ग पर गत सात नवंबर से दोनों उपमंडल को जिला बनाने की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी की है।
इंडिया टीवी पैसा के अनुसार गुरुवार को मणिपुर के चीफ सेक्रेटरी ओइनम नबाकिशोर ने बताया कि यहां पेट्रोल-डीलज की काला बाजारी जोरों पर है। प्रवाभित इलाकों में पेट्रोल 300 रूपए लीटर मिल रहा है। नबाकिशोर के अनुसार असम में खटखटी बॉर्डर पर डेढ़ सौ टैंकर लदे खड़े हैं। ड्राइवरों को अंदर आने की इजाजत नहीं है। 1800 ट्रक लकड़ी, लोहा, तेल वगैरह लादे नागालैंड के माओ गेट पर खड़े हैं। सड़कों से स्कूली तथा अन्य वाणिज्यक वाहन भी नदारद रहे।काला बाजार में रसोई गैस के एक सिलेंडर की कीमत 2000 रुपए तक पहुंच गई है
इस नाकेबंदी का प्रभाव स्थानीय जनजीवन पर बुरी तरह पड़ा है। राज्य में स्कूल वाहनों के न चलने से अधिकतर शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। दोनों उपमंडल के लोगों ने भी तुरंत उपमंडल को जिला बनाने की मांग की है।