रियाज़ 16 अप्रैल: हरमैन शरीफ़ैन के निगरां इदारे ने बताया है कि हुज्जाज की आसानी की ख़ातिर उनकी मताफ़ तक पोहचने को यक़ीनी बनाने के लिए 17 दरवाज़े तैयार किए गए हैं।
मताफ़ के हर दाख़िली दरवाज़े की पहचान उस के बालाई हिस्से का सब्ज़-रंग (हरा)है जिससे वो दरवाजे दूर से पहचाने जाते हैं। मस्जिद हराम के उमूमी उमूर के सेक्रेटरी मशहूर अलमनामी ने अख़बार मक्का से बात करते हुए बताया कि मस्जिद हराम से मताफ़ के सेहन तक ज़ाइरीन की फ़ौरी पोहचने को यक़ीनी बनाने के लिए 17 हरे दरवाज़े तैयार किए गए हैं।
हज और माहे रमजान में होने वाले उमरा सीज़न के दौरान मज़ीद दरवाज़े भी तैयार किए जाऐंगे ताके आज़मीन को मताफ़ तक पहुंचने में किसी किस्म की दिक़्क़त का सामना ना करना पड़े बल्कि वो सहूलत के साथ जहां से चाहें मताफ़ में दाख़िल हो सकें।
मशहूर अलमनामी का कहना था कि ज़्यादा से ज़्यादा दरवाज़ों का मक़सद आज़मीन की आमद-ओ-रफ़त को आसान बनाना और उनके मताफ़ तक पहुंचने में हाइल रुकावटों को दूर करना है।ताके आज़मीने हज्ज वक़्त ज़ाए किए बग़ैर ख़ाने काबे का तवाफ़ कम से कम वक़्त में मुकम्मिल कर सकें।
उनका कहना था कि मताफ़ के सतरह दाख़िली दरवाज़े तौसी हरम के जारी प्रोग्राम का हिस्सा हैं। आने वाले दिनों में मज़ीद दाख़िली दरवाज़े भी बनाए जाऐंगे। उनका का कहना था कि हरमैन शरीफ़ैन के निगरां इदारे की तरफ से हुज्जाज को हिदायत की जाती है कि वो नमाज़ों के औक़ात में मताफ़ के दाख़िली दरवाज़ों का इस्तेमाल ना करें क्युं कि नमाज़ों खास्कर नमाज़ मग़रिब के वक़्त मस्जिद में नमाज़ियों की ग़ैरमामूली भेड़ की वजह से दाख़िली दरवाज़ों पर भी भीड़ जियादा हे जाती है।