साल 2013 की फौकानिया यानी मैट्रिक और मौलवी यानी इंटर के रिजल्ट में भारी धांधली हुई है। बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने कॉपियों की जांच कराए बिना रिजल्ट का एलान कर दिया। ऐसे कॉपियों की तादाद काफी है जिसकी जांच कराए बिना ही इम्तिहान देहिंदगन को नंबर दे दिए गए हैं।
कई कॉपियां ऐसी हैं जिनके पहले पन्ने पर मार्क्स दर्ज नहीं हैं लेकिन जब उसी रोल रोड और रोल नंबर का बोर्ड से मार्कशीट निकाली तो उसमें मार्क्स था। जानकारों का कहना है कि जहां कॉपियों की जांच कराई गई वहां के मदरसा असातिज़ा और हेड एग्जामनरों ने गड़बड़ी की है। बोर्ड की मिलीभगत भी सामने आ रही है।
बोर्ड के चेयरमैन मुमताज आलम ने गुजिशता साल 24 जून को फौकानिया और 28 जून को मौलवी का रिजल्ट जारी करते वक़्त रिजल्ट में ट्रांसपेरेंसी के दावे किए थे। फौकानिया में 90.83, मौलवी में 94.30% इम्तिहान देहिंदगान पास हुए थे।
..और कॉपियों को किया नीलाम
बोर्ड ज़राये का कहना है कि गुजिशता साल की दोनों इम्तिहानों की कॉपियों को बोर्ड ने 8 लाख रुपए में नीलाम कर दिया। जहां इन कॉपियों को नीलाम किया गया था, वहीं से बिना जांच कराए कॉपियां एक अखबार को हाथ लगी हैं। जब इन कॉपियों में लिखे रोल कोड व रोल नंबर से बोर्ड दफ्तर से मार्क्स निकलवाए गए तो यह सनसनीखेज खुलासा हुआ।
केस-1
मौलवी- रोल कोड केएटी , रोल नंबर- 5202, सबजेक्ट – हिन्दी, इम्तिहान देहिंदगान – मो. नवेद आलम।
मेन पेज पर 66 पॉइंट्स दिया। अंदर के पन्नों में इतने नंबर नहीं।
केस-2
मौलवी- रोल कोड – एआरआर, रोल नंबर- 1903, सबजेक्ट- अंग्रेजी पहला , इम्तिहान देहिंदगान -नसरीन परवीन।
कॉपी की जांच नहीं की गई। पर मार्कशीट में 60 नंबर।