दारुल एहसान डरबन (अफ्रीका) के चेयरमैन मुफ्ती जुबैर हयात कासमी की कियादत में अफ्रीका से आए वफद का जामिया हकीमुल इस्लाम में जोरदार इस्तेकबाल किया गया। इस दौरान मदरसा के तुलबा ने तालीम पर शानदार तकरीर पेश किए।
मोहल्ला बड़जियाउल हक वाकेय् मदरसा जामिया हकीमुल इस्लाम में मुनाकिद इस प्रोग्राम में कुल हिंद राब्ता-ए-मसजिद के कौमी जनरल सेक्रेट्री मौलाना अब्दुल्ला इब्नुल कमर ने कहा कि मदरसे दर हकीकत इस्लाम की हिफाजत करने वाले मजबूत किले है।
उन्होंने पूरे तुलबा से बुजुर्गो के नक्शे कदम पर चलने की अपील की । दारुल उलूम वक्फ के उस्ताद मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा कि इस्लाम अमन कायम करने वाला मजहब है। इसलिए मदरसों में अमन की ही तालीम दी जाती है।
उन्होने मदरसा के तुलबा को समंदर के अंदर मौजूद नायाब मोती बताते हुए कहा कि मदरसा के तुलबा की जिम्मेदारी है कि वह मदरसों से तालीम हासिल कर दुनिया में इस्लाम की रोशनी फैलाने का काम करे। इस मौके पर अफ्रीका से आए वफद में शामिल उलेमा को जामिया की ओर से तौसीफी सनद पेश किये गए।
तकरीब का आगाज हाफिज अहमद यासिर की तिलावते कुरआन व कारी इरफान ने नाते पाक पेश कर किया। मौलाना सदर अब्दुल लतीफ कासमी व मुनज़्ज़िम मोहम्मद अफजल कासमी ने किया। इस मौके पर वफद में शामिल हाफिज मोहम्मद गौराइन एलएमसीसी सेक्रेट्री लंदन, मोहम्मद रादरी साउथ अफ्रीका, मोहम्मद रिजवान साउथ अफ्रीका, मौलाना नासिर कासमी, मौलाना इरफान आलम, मोहम्मद आलमगीर, एसआई हसन, सैयद इकराम, सैयद इम्तियाज, मोहम्मद साजिद वगैरह मौजूद रहे।
मुफ्ती जुबैर हयात कासमी की दुआ के साथ प्रोग्राम का इख्तेमाम का हुआ। आखिर में जामिया के नाजिम कारी रहीमुद्दीन कासमी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।