पटना : मदरसा बोर्ड के स्टुडेंट भी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज तक पहुंच सकें, इसके लिए बोर्ड ने सिलेबस चेंज करने का फैसला लिया है. मदरसा बोर्ड में मौलवी में साइंस की पढ़ाई शुरू होगी. इसे इसी सेशन से लागू किया जायेगा. इसकी तैयारी बोर्ड ने करना शुरू कर दी है. सिलेबस में 22 साल के बाद बदलाव किया जायेगा. मौलवी साइंस में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स और बायोलॉजी की पढ़ाई होगी. हर सब्जेंट के लिए 100-100 पाइंट्स मुकर्रर किये गये हैं. Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
पंचायत इलेक्शन की वजह से मदरसा बोर्ड के फोकानिया (मैट्रिक) और मौलवी (इंटर) की इम्तिहान स्थगित कर दी गयी है. इससे नया सेशन देर से शुरू होगा. बोर्ड की मानें, तो अगस्त में नया सेशन शुरू होगा. इससे पहले सिलेबस की सारी अमल पूरी हो जायेगी. इसके लिए कमेटी बनायी गयी है. कमेटी सिलेबस को आखरी शक्ल दे रही है.
मौलवी की इम्तिहान अभी 1200 मार्क्स की ली जाती है. इस मार्क्स में भी कटौती की जायेगी. नया सिलेबस आठ सौ ही होगा. बोर्ड की मानें तो अभी दिनियात सब्जेंक्ट के तीन पेपर होते हैं. इसे कम करके दो या एक पेपर किया जायेगा. वहीं अरबी के दो पेपर होते हैं. इसे भी कम किया जायेगा. इससे तालिबे इल्म पर दबाव कम होगा.
मदरसा बोर्ड में फोकानिया करने के बाद इंजीनियरिंग और मेडिकल को कैरियर चुनने वाले स्टुडेंटस मौलवी से पढ़ाई नहीं करते हैं. फोकानिया करने के बाद ये छात्र बिहार बोर्ड से इंटर साइंस की पढ़ाई करते हैं. इससे मौलवी में 50 फीसदी स्टुडेंट्स कम हो जाते हैं. बोर्ड की मानें तो मौलवी साइंस की पढ़ाई शुरू होने से स्टुडेंटस के ड्राॅप आउट होने की तादार कम होगी.
अब तक सिर्फ मौलवी आटर्स की ही पढ़ाई होती थी. इससे फोकानिया के बाद काफी तादार में स्टुडेंट्स ड्राॅपआउट हो जाते थे. हम कोशिश कर रहे हैं कि कुल अंक को भी कम किया जाये.
खुर्शीद अहमद, सेक, बिहार राज्य मदरसा बोर्ड