मदरसों में अंग्रेज़ी तालीम ज़रूरी, मुफ़क्किरीन इस्लाम का इज़हार ख़्याल

जयपुर, 03 अप्रैल: (पी टी आई) हिंदूस्तान के मुमताज़ मुफ़क्किरीन इस्लाम ने आज कहा कि मदरसों को असरी तक़ाज़ों से आरास्ता करना ज़रूरी है । ख़ासकर मदरसों में अंग्रेज़ी तालीम को मुतआरिफ़ करवाया जाये और असरी दुनिया से हम आहंग दरस-ओ-तदरीस को फ़रोग़ देते हुए दीगर असरी मज़ामीन पढ़ाए जाएं।

उलमाए दीन ने अंग्रेज़ी को दुनियावी तरक़्क़ी के लिए अहम ज़रीया क़रार दिया। उन्होंने तलबा पर ज़ोर दिया कि अपने करीयर को ताबनाक बनाने के लिए इस ज़बान को सीखें। मुल्क भर से ताल्लुक़ रखने वाले मुदर्रिसीन के लिए मुनाक़िदा 10 रोज़ा इक़ामती वर्कशॉप के पहले दिन मुक़र्रिरीन ने असरी तालीम की ज़रूरत पर ज़ोर दिया ।

इनका कहना है कि तलबा को असल धारे में लाने के लिए ये निहायत ज़रूरी है । मुल्क के दीगर बड़े शहरों में सिलसिला वार वर्कशॉप के इनइक़ाद के बाद मुदर्रिसा असातिज़ा के लिए ख़ुसूसी अंग्रेज़ी ज़बान सीखाने का प्रोग्राम बनाया गया है। अमेरीकी एमबसी नई दिल्ली में रीजनल इंग्लिश लैंग्वेज ऑफ़िस के तआवुन से मुदर्रिसीन को अंग्रेज़ी तालीम दी जा रही है ।

ये वर्कशॉप मुरूर मुस्लिम एजूकेशन एंड वेलफ़ेयर सोसाइटी और तरक़्क़ी फ़ाउंडेशन ने मुशतर्का तौर पर मुनाक़िद किया है।इस तरह के सिलसिलावार वर्कशॉप के मक़ासिद में से असल मक़सद ये है कि असातिज़ा को अंग्रेज़ी तालीम से हमकनार करते हुए उन्हें पेशावराना दरस-ओ-तदरीस के काबिल बनाया जा सके।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के अस्सिटेंट प्रोफेसर राशिद नेहाल ने कहा कि ये वर्कशॉप मूसिर तरीका से चलाया जा रहा है । तरबियत हासिल करने वालों को अपने मदरसों में अंग्रेज़ी तालीम को पढ़ाने की तरग़ीब दी जायेगी । राजस्थान के वज़ीर सेहत ए ए ख़ान , राजस्थान मुदर्रिसा बोर्ड के चेयरमैन मौलाना फ़ज़ल हक़ और राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन लियाकत अली ख़ान भी इस मौक़ा पर मौजूद थे। वर्कशॉप में कश्मीर , केराला , हैदराबाद, महाराष्ट्रा के बिशमोल मुख़्तलिफ़ रियासतों के मुदर्रिसीन शरीक थे।