मदर्सा टीचर्स को तनख़्वाहों की अद मे अदायगी की तहक़ीक़ात

हुकूमत उत्तर प्रदेश ने आज एक अहम ब्यान जारी करते हुए कहा कि वो इस बात की तहक़ीक़ात करेगी कि मदर्सा टीचर्स को हुकूमत की जानिब से गुज़शता साल नवंबर में ग्रांट दिए जाने के बावजूद तनख़्वाहें क्यों अदा नहीं की गईं।

तहक़ीक़ात के बाद ख़ाती अफ़राद के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। वज़ीर बराए पारलीमानी उमूर (Parliamentary Affairs Minister/ स‍ंसदीय कार्य मंत्री) मुहम्मद आज़म ख़ान ने असेंबली में एक सवाल के जवाब के दौरान कहा कि हुकूमत मदर्सा टीचर्स की तनख़्वाहों की अदायगी में ताख़ीर ( देरी/ विलम्ब) के मुआमला की तहक़ीक़ात करेगी हालाँकि मर्कज़ ( केंद्र) ने काबिल लिहाज़ इमदाद रवाना की है, लेकिन इस के बावजूद तनख़्वाहों का अदा ना किया जाना आख़िर क्या मानी रखता है।

तहक़ीक़ात के बाद जो भी आफीसर क़सूरवार पाया जाएगा उन के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान कांग्रेस रुकन रीता बहू गुना जोशी ने ये जानने की ख़ाहिश की थी कि मदर्सा टीचर्स की तनख़्वाहों की अदायगी में ताख़ीर ( देरी/ विलम्ब) से क्यों काम लिया जा रहा है।

बहू गुना जोशी की जानिब से एक और सवाल पूछे जाने पर आज़म ख़ान ने इन इम्कानात ( संभावनाओं) को मुस्तर्द ( रद्द) कर दिया कि मदर्सा टीचर्स को तनख़्वाहों में इज़ाफ़ा करके दिया जाएगा। उन्होंने वज़ाहत ( स्पष्ट) करते हुए कहा कि महकमा अक़ल्लीयती बहबूद (अल्पसंखयक कल्याण विभाग) में साबिक़ा ( पूर्व) हुकूमत ने भी तनख़्वाहों में इज़ाफ़ा नहीं किया था।

यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि यू पी में अखिलेश यादव की हुकूमत बनने के बाद बदउनवानीयों (भ्रष्टाचार) के ख़ातमा को अव्वलीन तर्जीह दी जा रही है, जहां आला से आला महकमा से लेकर अदना महकमों ( छोटे विभागो) तक इस बात को मद्द-ए-नज़र रखा गया है कि आया वहां कोई बदउनवानी ( भ्रष्टाचारी) तो नहीं।

आई ए एस आफ़िसरान के भी बड़े पैमाने पर तबादले किए गए। ख़ातियों को किसी भी हाल में ना बख्शने का हुकूमत ने अज़म रखा है। मायावती हुकूमत ने जिस तरह मुजस्समा साज़ी में अवाम की मेहनत-ओ-पसीने की करोड़ों रुपये की कमाई को दोनों हाथों से लुटाया अखिलेश यादव इनका इआदा (दोहराना) नहीं चाहते।