मदारिस इस्लामीया और दीगर इस्लामी इदारे इंसानियत की ख़बर-ओ-भलाई का ज़ामिन, अमन-ओ-सलामती का अलमबरदार और हर तरह के फ़साद-ओ-बिगाड़, दहश्तगर्दी-ओ-ख़नरीज़ी, इख्तेलाफ़-ओ-इंतिशार का मुख़ालिफ़ दीन इस्लाम के पैग़ाम को आम करते हुए मुल्क को मिल्लत की तामीर में अपना भरपूर किरदार अदा कर रहे हैं।
इन ख़्यालात का इज़हार मर्कज़ी जमईयत अहल-ए-हदीस हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना असग़र अली इमाम मेंहदी सलफ़ी ने यहां जामिआ अलैहदी इस्लामीया की जदीद अमीरात और अलैहदी इंटरनैशनल स्कूल के इफ़्तेताह के मौक़ा पर एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए किया।
तक़रीब की सदारत करते हुए शेख़ अबदुल अज़ीज़ हक़्क़ानी ने कहा कि अगर हम चाहते हैं कि हमारे अंदर इस्लाम अपनी असल शक्ल-ओ-सूरत में दाख़िल हो जाए तो इसके लिए इल्म को गले लगाना ज़रूरी है। इल्म के ज़रीये ही इंसान को हुक़ूक़ अल्लाह और हुक़ूक़ उल-ईबाद की मार्फ़त हासिल होती है और ज़िंदगी के तमाम मुआमलात में कामयाब होता है।