मद्रास हाईकोर्ट ने रेप मामले में समझौते के हुक्म को वापिस लिया

नई दिल्ली मद्रास हाईकोर्ट ने रेप के मुल्ज़िम और मुतास्सिरा के बीच समझौते को लेकर दिए अपने हुक्म वापिस ले लिया है। इस हुक्मनामे की सुप्रीम कोर्ट और कानूनी जानकारों ने तन्कीद की थी। साथ ही मुतास्सिरा ने भी इसे मानने से इनकार कर दिया था।

इस पर हाईकोर्ट ने मुल्ज़िम की जमानत खारिज कर दी। इससे पहले कोर्ट ने मुल्ज़िम को 13 जुलाई तक जमानत दी थी कि ताकि वह मुतास्सिरा से मिलकर समझौता कर सके। इस बारे में जज जस्टिस पी देवदास ने कहा था कि एक शख्स को मुतास्सिरा से बिचौलिया के लिए जेल से रिहा किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि एक दूसरे मामले में भी उन्होंने ऐसा ही किया था और मामले का खुशनुमा खात्मा हुआ था।

इस तरह के हुक्म को सुप्रीम कोर्ट ने एक दूसरे मामले में गलत ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के एक रेप के मामले में माना था कि रेप की मुतास्सिरा और मुल्ज़िम के बीच शादी के समझौते का हुक्म देना ख़्वातीम के एहतेराम व इज़्ज़त के खिलाफ है और गैर कानूनी है।

हाई कोर्ट ने साथ ही कहा था कि समझौता इंसाफ के हक में नहीं है क्योंकि मुल्ज़िम मुतास्सिरा को इसके लिए दबा सकता है। यह दर्दनाक है कि कुछ जज जिनमें हाईकोर्ट भी शामिल है, ऐसे मामलों में एतेदाल पसंद बन रहे हैं।