मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों का पाला बदलने का सिलसिला तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थामा। इस दौरान उनके साथ राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद रहे। बता दें कि अभय मिश्रा मध्यप्रदेश के रीवा सेमरिया के पूर्व विधायक विधायक रहे हैं।
Delhi: Former BJP MLA from #MadhyaPradesh's Rewa Abhay Mishra joins Congress. pic.twitter.com/142MJqnE1H
— ANI (@ANI) March 5, 2018
गौरतलब है कि 24 फरवरी को मध्यप्रदेश की दो विधानसभा सीटों कोलारस और मुंगावली में उपचुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने दोनों सीटें जीतीं। दोनों सीटों पर कांग्रेस विधायकों के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था। राजनीतक विशेषज्ञों का मानना है कि इन दो सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत का सीधा असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। इन दो सीटों पर हुए चुनाव कांग्रेस और शिवराज सरकार दोनों के लिए ही नाक का सवाल बन गए थे। इसीलिए हारने के बाद भाजपा खेमे में मायूसी है। उसने कांग्रेस की सीटें होने के बावजूद जीत के लिए जबरदस्त ताकत लगाई थी। बडे़ नेताओं ने चुनाव क्षेत्र में कैम्प किया था। मुख्यमंत्री चौहान ने रोड शो किए थे और मतदाताओं से पांच माह मांगे थे। साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाई थी ताकि दो में से एक सीट जीतकर वह कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना सके।
दरअसल दोनों सीटें कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना में हैं। यदि कांग्रेस यह चुनाव हार जाती तो भाजपा सिंधिया के साथ उसका मनोबल तोड़ने में भी कोई कसर नहीं रखती। शिवराज के मुकाबले सिंधिया कांग्रेस का चेहरा हो सकते हैं, यह मानकर भी भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी।