भोपाल : बी जे पी को 2014 लोक सभा इंतेख़ाबात में पार्टी की शानदार कामयाबी के बाद आज पहली मर्तबा पार्लीमानी नशिस्त पर शिकस्त उठानी पड़ी। मध्य प्रदेश के रतलम । झाबवा लोक सभा नशिस्त के लिए ज़िमनी इंतेख़ाबात में बी जे पी को कांग्रेस उम्मीदवार के मुक़ाबले शिकस्त हुई।
एक ऐसे वक़्त जबकि बी जे पी बिहार इंतेख़ाबी शिकस्त के सदमे से बाहर नहीं निकल पाई कि उसे आज फिर एक-बार नाकामी का मुँह देखना पड़ा और वो रतलाम । झाबवा पर अपना क़बज़ा बरक़रार ना रख सकी। बी जे पी ज़ेरे इक़्तेदार रियासत में इस शिकस्त के बाद कांग्रेस की ऐवान-ए-ज़ेरीं में तादाद बढ़कर 45 हो गई है।
543 रुकनी ऐवान में बी जे पी अरकान की तादात कम हो कर 281 हो गई है। इस के बरअक्स तेलंगाना में हुक्मराँ टी आर एस ने वरनगल (एससी) लोक सभा नशिस्त पर अपना क़बज़ा बरक़रार रखा और पार्टी उम्मीदवार पी दियाकर ने 4.6 लाख वोटों की अक्सरीयत से कामयाबी हासिल की।
कांग्रेस और बी जे पी । टी डी पी उम्मीदवार को शिकस्त हुई। बी जे पी की निर्मला भूरिया को साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर कांति लाल भूरिया (कांग्रेस) ने रतलाम । झाबवा (एसटी) हलक़ा से शिकस्त दी। 2014 लोक सभा इंतेख़ाबात में ज़ाफ़रानी जमात ने यहां भारी अक्सरीयत से कामयाबी हासिल की थी।
यही नहीं बल्कि रियासत के 29 नशिस्तों के मिनजुमला 27 पर बी जे पी का क़बज़ा हुआ था। कांति लाल भूरिया के हाथों निर्मला भूरिया की शिकस्त से साफ़ ज़ाहिर हो गया कि पार्टी के हक़ में कोई हमदर्दी की लहर नहीं पाई जाती है हालाँकि दिलीप सिंह भूरिया की मौत की वजह से यहां ज़िमनी इंतेख़ाबात नागुज़ीर हो गए थे और उनकी बेटी निर्मला भूरिया को पार्टी उम्मीदवार नामज़द किया गया था लेकिन उन्हें 88,832 वोटों से शिकस्त हुई।
ये ज़िमनी इंतेख़ाब चीफ़ मिनिस्टर श्यौराज सिंह चौहान के लिए वक़ार का मसला बने हुए थे। इन्होंने 6 दिन में यहां 27 रैलियों से ख़िताब किया था। कामयाब उम्मीदवार कांति लाल ने कहा कि बी जे पी की शिकस्त की लहर अब झाबवा से शुरू हो चुकी है जो सारी रियासत और फिर सारे मुल्क में फैल जाएगी।