मध्यप्रदेश: एक 14 वर्षीय लड़की के शव की परीक्षा मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर क्षेत्र में अस्पताल परिसर के बाहर बिना किसी पर्दे के की गयी । लड़की की मृत्यु बिजली के झटके के कारण हुई थी।
जिस डॉक्टर ने शव की परीक्षा करी जब उसका सामना किया गया तो उसने कहा की अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें खुले में शव की परीक्षा करने की अनुमति दी है क्योंकि अस्पताल में कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। मुर्दाघर घर पूरी तरह से भरा हुआ था और एक मारा हुआ बछड़ा वहां पड़ा हुआ था।
शव परीक्षा के लिए एक मानक प्रक्रिया है। इस घटना ने दर्शकों को पोस्टमार्टम के दौरान की गयी प्रक्रियाओं से भयभीत कर दिया है। अतीत में ऐसी कई घटनाये हुई हैं जहाँ समाज के गरीब वर्ग को ग्रामीण अस्पतालों में मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जब वे अपना और अपने परिजनों का इलाज वहां कराते हैं।