कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद की स्थायी समिति (पीएसी) की बैठक के दौरान रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को ‘बचाया’।
“पीएसी की बैठक में डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को सार्वजनिक हित के लिए बचाया । श्री मोदी इस संसथान की स्वतंत्रता को कम कर रहे हैं और जनहित के खिलाफ काम कर रहे हैं,” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया ।
दिग्विजय सिंह, जो वित्त संबंधी स्थायी समिति के भी सदस्य है, वे भी पीएसी की बैठक के एक दिन बाद पटेल पर बरसे। गौरतलब है की पटेल से पीएसी की बैठक में नोट बैन से सम्बंधित सवाल पूछे गए थे।
” मुझे पिछले आरबीआई गवर्नर और वर्तमान गवर्नर को सुनने का मौका मिला। क्या अंतर है !” श्री दिग्विजय ने ट्वीट किया।
डॉ सिंह ने राज्यसभा में नोट बैन के खिलाफ एक सशक्त भाषण दिया था, जिसमे उन्होंने सरकार के इस कदम को “एक भारी विफलता और संगठित लूट” बताया था। बुधवार को हस्तक्षेप करते हुए उन्होंने कहा की केंद्रीय बैंक और राज्यपाल के पद का एक संसथान के रूप में सम्मान किया जाना चाहिए ।
कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है जिसमे उन्होंने मांग की है कि राज्यपाल नोट बंदी से हुई असुविधाओ के लिए जिम्मेदारी लें और यह माने की उन्होंने मोदी सरकार को बैंक के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण करने की अनुमति दी जिसके कारण केंद्र बैंक “एक मुखपत्र” बनकर रह गया है।