कोलकता 22 अक्टूबर (पी टी आई) (सोनीया गांधी के इशारों पर काम करने वाले लीडर, बी जे पी क़ाइद का ब्यान)वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह पर जवाबी तन्क़ीद करते हुए बी जे पी लीडर ईल के अडवानी ने आज ज़ोर दे कर कहा कि मनमोहन सिंह एक कमज़ोर तरीन वज़ीर-ए-आज़म हैं।
वो ऐसी हुकूमत की क़ियादत कररहे हैं जो हमा रुख़ी नाकामियों के बाद बतदरीज ज़वालपज़ीर होने के आसार ज़ाहिर हो रहे हैं। वज़ीर-ए-आज़म के बारे में उन्हों ने इस से क़बल भी इसी तरह के रिमार्क किए थे। इस मर्तबा अडवानी का ये ब्यान वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह की जानिब से बी जे पी लीडर से ये ख़ाहिश करने के बाद कि वो उन के ख़िलाफ़ तल्ख़ अलफ़ाज़ का इस्तिमाल ना करें।
अडवानी ने यहां पर एक प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि वज़ीर-ए-आज़म ने कहा था कि हमें तल्ख़ अलफ़ाज़ का इस्तिमाल नहीं करना चाहिए। आख़िर में पूछता हूँ कि मैंने तल्ख़ अलफ़ाज़ क्या कही।
सिर्फ मैंने ये बात कही थी कि तमाम वुज़राए आज़म में जवाहरलाल नहरू से लेकर अब तक मनमोहन सिंह ही सब से कमज़ोर वज़ीर-ए-आज़म हैं। इन का ये ब्यान एक सयासी तबसरा था।
इस में तल्ख़ ब्यानी कहां है? उन्हों ने ये वाज़िह करते हुए कहा कि वो वज़ीर-ए-आज़म के तबसरे पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर नहीं करेंगे क्यों कि वज़ीर-ए-आज़म ने दावे किया है कि मैंने उन्हें ठेस पहुंचाई है और उन्हें एक कमज़ोर वज़ीर-ए-आज़म क़रार दिया है।
अगर में कोई तल्ख़ बात कही है तो ये ग़ैर मुनासिब ही। इस का मैं क़सूरवार हूँ लेकिन ये बात मैंने नहीं कही ही। ये तो सुप्रीम कोर्ट का एहसास है कि 2G अस्क़ाम को रोका जा सकता था और 1.78 लाख करोड़ का ख़सारा होने से बचाया जा सकता था।
अगर मनमोहन सिंह वक़्त पर काम करते तो सरकारी खज़ाने पर बोझ नहीं पड़ता। ईल के अडवानी जो कांग्रेस के ताल्लुक़ से भी यकसाँ राय रखते हैं कहा कि हर गुज़रते हुए दिन के साथ यू पी ए हुकूमत जिस की क़ियादत मनमोहन सिंह कर रहे हैं, लेकिन सोनीया गांधी हुकूमत का कमान अपने पास रखती हैं। इस से ज़ाहिर होता है कि हुकूमत बतदरीज ज़वालपज़ीर हो रही है।
इस हुकूमत के कई साबिक़ वुज़रा को रिश्वत सतानी के इल्ज़ामात मैं तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया ही। जबकि वुज़रा की एक लंबी क़तार जेल में जाने का इंतिज़ार कररही ही। वज़ीर-ए-आज़म की अपनी पार्टी के कई सीनीयर वुज़रा बरसर-ए-आम तन्क़ीद कररहे हैं और एक दूसरे से मुतसादिम हैं।
अडवानी ने इस ताल्लुक़ से मज़ीद कोई वज़ाहत नहीं की। हुक्मराँ पार्टी सब से ज़्यादा ताक़तवर है। जनरल सैक्रेटरी रोज़ाना ब्यानात दे रहे जबकि पार्टी के दीगर क़ाइदीन मामूल के मुताबिक़ इन ब्यानात के बरअक्स तज़ाद ब्यानी से काम ले रहे हैं। ऐसी हालत में एक मरीज़ को तमाम आज़ा से नाकारा क़रार दिया जाता है।