मुंबई 05 नवंबर (पी टी आई) वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को एक बार फिर तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए बी जे पी के सीनीयर क़ाइद लाल कृष्ण अडवानी ने आज कहाकि मुल्क में क्रप्शन् रोज़ अफ़्ज़ूँ है।
जब से मनमोहन सिंह ने वज़ीर-ए-आज़म का ओहदा सँभाला है यू पी ए हुकूमत के दौर में कुरप्शन उरूज पर है।
उन्हों ने कहाकि जमहूरीयत में वज़ीर-ए-आज़म की बात हर्फ़ आख़िर होनी चाहियॆ। लेकिन अब ऐसा नहीं ही। वज़ीर-ए-आज़म का फ़ैसला आख़िरी फ़ैसला नहीं होता बल्कि ये फ़ैसला (सोनीया गांधी की सरकारी क़ियामगाह) 10 जनपथ में किया जाता है।
उन्हों ने कहाकि वज़ीर-ए-आज़म सिर्फ इस फ़ैसला की तौसीक़ करते हैं। अडवानी ने मुंबई के मुज़ाफ़ात में अपनी जन चेतना यात्रा के हिस्सा के तौर पर मुनाक़िदा जल्सा-ए-आम में 20 मिनट तक तक़रीर करते हुए कहाकि बेहतरीन माहिरीन मआशियात इफ़रात-ए-ज़र पर क़ाबू पाने में नाकाम रहेगा अगर कुरप्शन मौजूदा सतह पर बरक़रार रही।
अडवानी ने कहाकि वो मनमोहन सिंह को मुख़्तलिफ़ नज़रिया से देखते थे जब तक कि वो वज़ीर-ए-आज़म नहीं बने थी। मर्कज़ी वज़ीर फ़ीनानस की हैसियत से उन्हों ने मुल़्क की मआशी पालिसी में अहम तबदीली पैदा की थी।
उन्हों ने कहाकि वो नहीं जानते कि आँजहानी वज़ीर-ए-आज़म नरसिम्हा राउ इस कारनामा के ज़िम्मेदार थे या फिर ये मनमोहन सिंह का कारनामा था। अडवानी ने कहाकि उन्हों ने पण्डित जवाहर लाल नहरू से मनमोहन सिंह तक कई वुज़राए आज़म देखे हैं लेकिन मर्कज़ी काबीना के वुज़रा को क़ब्लअज़ीं क्रप्शन् के इल्ज़ामात में गिरफ़्तार करके कभी जेल नहीं भेजा गया था।