मनश्शियात की बह आसानी दस्तयाबी , उन के इस्तेमाल की वजह

मनश्शियात की बह आसानी दस्तयाबी से मुल्क में उनके इस्तेमाल में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। मर्कज़ी वज़ीर फाइनेंस अरूण जेटली ने आज कहा कि सख़्त ताज़ीरी क़वानीन की परवाह किए बगैर मनश्शियात की लानत में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। उसकी वजह ये है कि मनश्शियात बह आसानी दस्तयाब होजाती हैं।

वो मर्कज़ी बोर्ड आफ़ एकसाईज़ एंड कस़्टम़्स के इजलास से ख़िताब कररहे थे। उन्होंने कहा कि जो लोग इस लत में मुबतला होगए हैं उन्हें मनश्शियात की लत छुड़ाने के लिए बड़े और छोटे पैमाने पर इक़्दामात ज़रूरी है ये इक़्दामात मुल्क गीर सतह पर होने चाहिए क्योंकी करोड़ों हिन्दुस्तानी अवाम इस लत का शिकार होचुके हैं।

उन्होंने कहा कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जानिब से इंसिदाद मनश्शियात और बरदाफ़रोशी का दिन मनाया जा रहा है। इस मौक़े पर वो कहना चाहते हैं कि मनश्शियात के इस्तेमाल से ना सिर्फ़ एक फ़र्द बल्कि बहैसियत मजमूई पूरा मुआशरा मुतास्सिर होता है। इस लिए इस लानत के बारे में मुल्क गीर सतह पर शऊर की बेदारी ज़रूरी है।

समाजी बुराईयां सिर्फ़ क़ानून के ज़रिए ख़त्म नहीं की जा सकतीं , उनका ख़ातमा समाज के बेशतर हिस्सा की इस मुहिम में शिरकत के ज़रीया ही मुम्किन होसकता है । उन्होंने कहा कि मनश्शियात सरहद पार से हमारी सरज़मीन पर और हमारी सरज़मीन से करंसी नोट सरहद पार फेंके जा रहे हैं , इस लानत के फैलने की बड़ी वजह ये है कि इस में बहुत ज़्यादा आमदनी है। और स्मगलिंग बहुत आसान होगई है । रुकावटें काफ़ी नहीं है , बल्कि समाजी शऊर की बेदारी ज़रूरी है। सिर्फ़ निगरानी यह क़ानून से इस मसला की यकसूई नामुमकिन है|