मनासिक-ए- हज का जुमा से आग़ाज़ , हफ़्ता को वोकूफ़-ए-अर्फ़ात

ज़हीरउद्दीन अली ख़ान-  मक्का मुअज़्ज़मा। 2 नवंबर। मनासिक-ए- हज का जुमा से आग़ाज़ होगा। अक़्ता-ए- आलम से आने वाले लाखों आज़मीन वादी मिना कूच करेंगे। जहां शब बसरी के बाद दूसरे दिन मैदान अर्फ़ात पहूंच कर नमाज़ ज़ुहर और अस्र की क़सर अदा करेंगे। वक़ूफ़ अर्फ़ात के साथ ही फ़रीज़ा हज की तकमील होगी। मुफ़्ती-ए-आज़म का ख़िताब होगा।

आलम इस्लाम के लिए दुआ होगी। हुज्जाज किराम नमाज़ों के बाद रक्त अंगेज़ दुआ करेंगे। जबल रहमत पर ख़ुसूसी दुआ करने के लिए हुज्जाज किराम पहाड़ी पर पहूंचेंगे। 8 ज़ीलहजा को वादी मिना, तलबीह लब्बैक अललहम लब्बैक से गूंज उठेगी। इस वक़्त हरम शरीफ़ में रूह प्रवर मुनाज़िर देखे जा रहे हैं। आज़मीन तवाफ़ काबৃ अल्लाह के बाद फ़र्ज़-ओ-ख़ुसूसी नमाज़ों का एहतिमाम कररहे हैं। हनूज़ आज़मीन की आमद का सिलसिला जारी है।

वादी-ए-मना जाने के लिए अभी से आज़मीन-ए-हज्ज अपनी अपनी सवारीयों का इंतिज़ाम कररहे हैं। अब तक ज़ाइद अज़ 30 लाख आज़मीन मक्का मुअज़्ज़मा पहूंच चुके हैं और मनासिक-ए- हज के आग़ाज़ से क़बल तक मज़ीद मुक़ामी आज़मीन की आमद मुतवक़्क़ो है। इस साल सऊदी हुकूमत ने मुक़ामी और ग़ैर मुक़ीम अफ़राद के लिए हज परमिट जारी किए हैं ताकि आज़मीन-ए-हज्ज की बढ़ती हुई ग़ैर मुतवक़्क़े तादाद पर क़ाएबो पाया जा सके।

मक्का मुअज़्ज़मा से वादी-ए-मना तक सफ़र के लिए सरकारी-ओ-ख़ानगी सवारीयों का इंतिज़ाम है। बेशतर आज़मीन वादी-ए-मना तक पैदल ही कूच करते हैं। सफ़ैद ख़ेमों के शहर में आज़मीन के क़ियाम के लिए बेहतरीन इंतिज़ामात किए गए हैं। आग से महफ़ूज़ रहने वाले ख़ेमों के साथ तिब्बी टीमें ताय्युनात हैं। हर इलाक़ा के आज़मीन के लिए ख़ेमों के मुक़ामात मुख़तस हैं। हफ़्ता को वकूफ़-ए-अर्फ़ात के बाद हुज्जाज किराम मग़रिब से क़बल मुज़दल्फ़ा पहूंच कर नमाज़ों की अदायगी के लिए शब बसरी करेंगे और बड़े शैतान को कंकरीयां मारने के लिए कंकरीयां इकट्ठा करेंगे।

दूसरे दिन जुमरात में रुमी जमार होगा। इतवार को रुमी जमार के बाद हुज्जाज किराम क़ुर्बानी देंगे और बाल तराशेंगे और एहराम उतारने के बाद तवाफ़ वज़यारत को जाएंगे। सऊदी अरब में 6 नवंबर को ईद-उल-अज़हा मनाई जाएगी। गवर्नर मक्का शहज़ादा ख़ालिद अल-फ़ैसल ने हज इंतिज़ामात का शख़्सी तौर पर जायज़ा लिया है। इन की रास्त निगरानी में मनासिक-ए- हज की तकमील के लिए कई आसानीयां फ़राहम की गई हैं।

इस दौरान नौमुंतख़ब वलीअहद शहज़ादा नाइफ़ ने भी रियाज़ से जुदा पहूंच कर हज उमूर के लिए किए गए इंतिज़ामात का जायज़ा लिया है। सऊदी हुक्काम ने वादी-ए-मुँह और जुमरात में किसी भी मोहलिक वाक़िया के इआदा से बचने के लिए वसीअ तर इंतिज़ामात किए हैं, जैसे आग पर क़ाबू पानी, होटल के इन्हिदाम , एहितजाजियों के साथ पुलिस झड़प या शैतान को कंकरीयां मारने के दौरान भगदड़ के वाक़ियात को रोकने के लिए स्कियोरटी के वसीअ तर इंतिज़ामात किए गए हैं।

एक ख़ातून आज़िम ने बताया कि वो गुज़श्ता पाँच साल से हज की तमन्ना लिए बारगाह ख़ुदावंदी में दुआ कररही थीं, अल्लाह ताला ने उन की दुआ को शरफ़ क़बूलीयत बख़शी और आज वो अल्लाह के मुक़द्दस घर हरम शरीफ़ में हैं तो ख़ुद को सब से ज़्यादा ख़ुशनसीब समझ रहे हैं। 8 बच्चों की माँ 66 साला ख़ातून ने कहा कि मुझे ये मौक़ा नसीब हुआ है तो आइन्दा पाँच साल तक दुबारा मौक़ा नहीं मिलेगा, क्योंकि हुक्काम ने आज़मीन की बढ़ती तादाद के पेशे नज़र पाँच साल में एक मर्तबा हज की पाबंदी आइद करदी है।