मरकज़ी हुकूमत ने वजीरे आला नीतीश कुमार को नेपाल जाने से रोक दिया है। वजीरे आला इतवार को नेपाल के ज़लज़ले से मुतासीर जनकपुर जाना चाहते थे और वहां के लोगों का दुख बांटना चाहते थे, लेकिन वजीरे खरजा ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया। जबकि इसके पहले खरजा वज़ारत ने नीतीश को जनकपुर जाने की इजाजत दे दी थी, लेकिन ऐन वक्त पर वुजरा ने रियासत के चीफ़ सेक्रेटरी को फोन कर नीतीश कुमार को दी गयी इजाजत मंसूख कर दी।
जदयू इससे खफा है और उसने इस मुद्दे को एवान में उठाने की बात कही है। जदयू के प्रिन्सिपल जेनरल सेक्रेटरी शरीक क़ौमी तर्जुमान केसी त्यागी ने इस मुद्दे पर कहा, ताज्जुब है कि ऐसा किया गया है, क्योंकि गुजिशता दिनों खुद वजीरे आजम ने नीतीश कुमार से ज़लज़ले के बाद मदद व बचाव कामों को लेकर बात की है और दोनों पूरे तालमेल से काम कर रहे थे। अब तो एवान में मुद्दा उठने के बाद ही इस बात का खुलासा हो पायेगा।
वहां के हालात को देख कर सफर टालने को कहा गया
वुजरा का कहना है कि नीतीश को पहले इजाजत दे दी गयी थी, लेकिन उन्हें मना नहीं किया गया। हालात को देखते हुए उन्हें फिलहाल नेपाल का दौरा मूअत्तिल करने को कहा है। उन्हें सुझाव दिया गया है कि मुनासिब वक़्त पर वह यह सफर करें। वुजरा के ज़राये का कहना है कि क़ौमी सेक्युर्टी मुशीर अजीत डोभाल, खरजा सेक्रेटरी एस जयशंकर और वजीरे आजम के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी पीके मिश्र की हालिया सफर के बाद यह महसूस किया गया कि वजीरे आला के लिए नेपाल की सफर पर जाने का यह मुनासिब वक़्त नहीं है। मालूम हो कि प्रोटोकॉल के तहत वजीरे आला को इस तरह के दौरे के लिए खारजा वुजरा से इजाजत लेनी पड़ती है।