लखनऊ, 26 अप्रैल: (पी टी आई) मरकज़ी हुकूमत उर्दू को मुशाविरों तक महिदूद नहीं देखना चाहती बल्कि चाहती है बल्कि ये ज़बान रोज़गार से मरबूत हो जाए। मरकज़ी वज़ीर जीतिन प्रसाद ने आज उर्दू की तरक़्क़ी के लिए मरकज़ी हुकूमत की स्कीम्स की तफ़सीलात बयान कीं। लेकिन कहा कि ये स्कीमें अवाम को रोज़गार के मवाक़े फ़राहम करने से क़ासिर हैं।
वज़ीर-ए-ममलकत बराए फ़रोग़ इंसानी वसाइल ने कहा कि हुकूमत के लिए स्कीमों की कामयाबी रोज़गार के मवाक़े की फ़राहमी पर मुनहसिर होती है। अगर स्कीमें अवाम को रोज़गार फ़राहम कर सकें तो यक़ीनी तौर पर हुकूमत का मुक़र्रर करदा निशाना हासिल किया जा सकता है। वो क़ौमी कौंसल बराए फ़रोग़ उर्दू के एक इजलास से ख़िताब कर रहे थे।