मराठा आंदोलन और हिंसक होने की आशंका, महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बल मांगेे

महाराष्ट्र में आगामी दिनों में मराठा आंदोलन और हिंसक हो सकता है. खुफिया सूत्रों से मिली रिपोर्टों के मिलने के बाद महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने केंद्र से सुरक्षा और आंदोलन की हिंसा से निपटने के लिए सेंट्रल फोर्सेस की मांग की है. गृह विभाग के सीनियर अफसर ने बताया कि इस बारे में खुफिया सूचनाएं हैं कि फिर से हिंसा हो सकती है. महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कोटे को लेकर 9 अगस्त से होने वाले अगले दौर के आंदोलन से निपटने के लिए करने के लिए केंद्र से सुरक्षा बलों की मांग की है. इस बीच, सीएम एमए देंवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मराठा समुदाय के कुछ सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि उनकी सरकार मराठों को इस तरह से आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह न्यायालय में खरा उतर सके.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरवार को ये जानकारी दी. पिछले हफ्ते राज्य के कई हिस्सों में आंदोलन के दौरान हिंसा देखने को मिली है. बता दें कि पिछले हफ्ते मराठा आंदोलनकारियों के सड़कों पर उतरने के बाद राज्य के कई हिस्सों में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई हैं.

सीएम फडणवीस ने कहा, ” आज विभिन्न वर्गों के राज्य के नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई और मराठों को कानूनी रूप से आरक्षण देने के लिए संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए गए हैं. राज्य सरकार मराठा संरक्षण के लिए पूर्ण समर्थन में है और हम इसे जल्द से जल्द करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.”

आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहा संगठन मराठा क्रांति मोर्चा नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहा है. इसने कहा है कि यह 9 अगस्त से समूचे राज्य में प्रदर्शन का नया दौर शुरू करेगा. गृह विभाग के सीनियर अफसर ने बताया कि इस बारे में खुफिया सूचनाएं हैं कि फिर से हिंसा हो सकती है.

अधिकारी ने बताया, ” हमारे पास रिजर्व पुलिस बल है, लेकिन यदि विभिन्न स्थानों पर एक साथ प्रदर्शन हुए, तो यह पर्याप्त नहीं होगा. हमने केंद्र को पत्र लिख कर कहा है कि किसी अप्रिय स्थिति का मुकाबला करने के लिए हमें अतिरिक्त बलों की जरूरत होगी.”

– पुणे के पास चाकन में 30 जुलाई को प्रदर्शन के दौरान पथराव में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए और 60 से अधिक वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया
– इससे पहले मुंबई महानगर क्षेत्र में मराठा संगठनों द्वारा किए गए बंद के आह्वान से शहर में जनजीवन थम गया था, जबकि नवी मुंबई में हिंसक प्रदर्शन हुए थे