थाने, 03 अप्रेलः प्रेस कौंसल आफ़ इंडिया के सदर नशीन मर कंडे काटजू ने अपनी बेबाक फ़ित्रत के मुताबिक़ धरती के लाल वाली थियूरी को सरासर मुस्तर्द कर दिया और कहा कि ऐसे लोग जो इस नज़रिया का प्रोपगंडा कररहे हैं उन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि ये धरती के लाल वाला नज़रिया आख़िर क्या माने रखता है जैसे कुछ सयासी क़ाइदीन हवा दे रहे हैं। आप क्या समझते हैं कि महाराष्ट्रा के असली बाशिंदे कौन थे। मराठी बोलने वाले या मराठी मांस भी महाराष्ट्रा के असल बाशिंदे नहीं हैं बल्कि बाहर से आए हैं।
सिर्फ़ ये कहना कि महाराष्ट्रियन अवाम ही धरती के असली लाल हैं ये क़ौमी नज़रिये के मुग़ाइर है जिस से दस्तूरे हिंद की भी ख़िलाफ़वरज़ी होती है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ने किसी का नाम लिए बगै़र कहा कि ऐसे लोग जो इस नज़रिये की तशहीर कररहे हैं उन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ क़बाइली बिरादरी को छोड़कर हम सब बाहर से आए हुए लोग हैं। मराठी क़ाइदीन ने सब से पहले मुंबई में रिहायश पज़ीर जुनूबी हिंद के बाशिंदों को निशाना बनाया इस के बाद बारी आई बिहारी शहरियों और शुमाली हिंद से ताल्लुक़ रखने वाले दीगर अफ़राद की।
दस्तूरे हिंद हर एक शहरी को ये हक़ देता है कि वो जिस शहर में चाहे मुस्तक़िल तौर पर क़ियाम कर सकता है। इस काम की ख़िलाफ़वरज़ी करने वालों को लात मारकर समाजी हलके से बाहर करदेना चाहिए।