मरीख़ पर दिखने वाली लकीरें, बहते पानी के निशान हैं

नासा के साइसन्दानों का कहना है कि उनके ख्याल में मरीख़ की सतह पर दिखाई देने वाली अंधेरे लाइनें बहते हुए पानी के वज़ह बनी हैं। नासा के डेटा से पता चलता है कि दिखाई देने वाली ढलानों पर नमक की मौज़ूदगी के आसार हैं।

ऐसी नामकियात मरीख़ की महदूद हवा में पानी ठंड या भाप बना कर उड़ा सकती हैं हालांकि यह इतना समय मिल गया कि वह दूर तक जाते हुए निशान बना गया। साइंटिस्ट लोजा ओझा ने साईसी ज़रीदे को बताईं।

माना जा रहा है कि मरीख़ पर ह्यात मौजूद है क्योंकि मरीख़ की सतह पर तरल पानी की मौजूदगी एक जानदार (बैक्टीरिया) की मौज़ूदगी की इमकान पैदा करता है। साथ ही मरीख़ पर जाने का इरादा रखने वाले खलाबाजों को वहाँ ज़िन्दा रहने में मदद मिलेगी।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी साइंटिस्ट मेरी बेथ ने बताया कि ‘इससे स्पेस यात्रा पर आने वाली लागत कम होगी और ग्रह पर इंसानी गतिविधियों को क़ुदरत पर इन्हेसार बढ़ेगा।’